Astrology: हमेशा शनिवार को नींव या गृहारंभ कराना अति उत्तम रहता है. मंगल व रविवार को निर्माण कार्य शुरू नहीं करना चाहिए तथा नवीन गृह प्रवेश भी नहीं करना चाहिए. निर्माण कार्य का लग्न स्थिर या द्विस्वभाव होना चाहिए.
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What is auspicious time: हमारे धर्म शास्त्रों में मुहूर्त के अनुसार कार्य करने की परम्परा बहुत पुरानी है, अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग शुभ मुहूर्त निर्धारित हैं, इन मुहूर्तों में कार्य प्रारंभ करने से उस कार्य की सफलता का प्रतिशत बहुत अधिक बढ़ जाता है. जीवन में खूब तरक्की मिलती है. देवउठनी एकादशी के साथ ही सभी शुभ कार्यों का श्री गणेश हो चुका है, अब सभी मांगलिक कार्य कराए जा सकते हैं.
बच्चे का नामकरण करना
इस कार्य के लिये माह की 2, 3, 7, 10, 11 व 13 वीं तिथियां शुभ रहती हैं. सोमवार, बुधवार, गुरुवार व शुक्रवार के दिन बच्चे का नामकरण किया जाना चाहिए. इस कार्य के लिए शुभ नक्षत्र अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तरा, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा व रेवती हैं.
नींव खोदना
नींव खोदना अर्थात शिलान्यास करने के लिये शुभ तिथियां 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, 13 व पूर्णिमा हैं. इस कार्य के लिए शुभ वार सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार व शनिवार हैं. शुभ नक्षत्र अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, तीनों प्रकार के उत्तरा, हस्त, श्रवण, रेवती हैं.
गृह निर्माण कार्य का आरंभ
गृह कार्य का आरंभ कराना चाहते हैं तो आरंभ के समय सूर्य, चंद्र, गुरु व शुक्र ग्रह नीच के नहीं होने चाहिए. शुक्ल पक्ष में गृहारंभ मंगलकारी व कृष्ण पक्ष में अशुभ रहता है. कभी भी शनिवार को नींव या गृहारंभ कराना अति उत्तम रहता है. मंगल व रविवार को निर्माण कार्य शुरू नहीं करना चाहिए तथा नवीन गृह प्रवेश भी नहीं करना चाहिए. निर्माण कार्य का लग्न स्थिर या द्विस्वभाव होना चाहिए.
गृह प्रवेश
गृह प्रवेश का करते समय पंचांग में देख लेना चाहिए कि उस दिन सूर्य उत्तरायण, शुक्र और गुरु अस्त न हो, सूर्य चंद्रमा में ग्रह न लगा हो ऐसी स्थिति में गृह प्रवेश नहीं किया जाता है. मंगल व रविवार के दिन कभी भी नवीन गृह में प्रवेश भी नहीं करना चाहिए. नवनिर्मित घर में प्रवेश के लिये शुभ तिथियां 2, 3, 5, 7, 10, 11, 13 व पूर्णिमा हैं. इसी तरह इस कार्य के लिए शुभ दिन यानी वार सोमवार, बुधवार, शुक्रवार व शनिवार हैं. शुभ नक्षत्र अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, तीनों उत्तरा, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा और रेवती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)