Mahabharata Story: क्या आपको पता है कि महाभारत में कृष्ण को सुदर्शन चक्र उठाना पड़ गया था. लेकिन क्यों और कैसे के साथ किसने उन्हें सुदर्शन चक्र उठाने के लिए मजबूर कर दिया आज के इस खबर में जानेंगें.
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Mahabharat Story: महाभारत की लड़ाई के बारे में कौन नहीं जानता है. इस भीषण युद्ध में श्री कृष्ण का क्या रोल था ये भी लगभग सभी को पता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इस लड़ाई की शुरुआत से पहले ही भगवान कृष्ण ने एक प्रतिज्ञा ली थी जो कि उन्हें तोड़ना पड़ गया था. क्या आपको पता है कि श्री कृष्ण ने कौन सी प्रतिज्ञा ली थी और किसके कारण उन्होंने यह प्रतिज्ञा तोड़ दी थी?
किसने क्या मांगा?
दरअसल, युद्ध से पहले कौरव की ओर से दुर्योधन और पांडव की ओर से अर्जुन उनसे सहायता मांगने गए थे. उसी दौरान लीलाधर वासुदेव श्री कृष्ण ने दोनों को मदद करने की बात कही. दुर्योधन ने जहां श्री कृष्ण की नारायणी सेना की मांग की तो वहीं अर्जुन ने श्री कृष्ण को ही मांग लिया.
युद्ध में अर्जुन के सारथी बने थे कृष्ण
इसी दौरान जब बात आगे बढ़ी तो श्री कृष्ण ने दुर्योधन और अर्जुन दोनों को बताया कि मैं शस्त्र नहीं उठाउंगा. वंशी वाले की मुंह से ये बात सुनकर दुर्योधन खुश हो गया लेकिन अर्जुन को थोड़ी चिंता हुई. लेकिन बाद में यानि कि युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण अर्जुन के रथ के सारथी बने. पूरे युद्ध में श्री कृष्ण अर्जुन को ये बताते और समझाते रहे कि कैसे कब और कहां किस पर वार करना है.
पितामह के मोह में फंस जाते हैं अर्जुन
लेकिन, युद्ध के दौरान एक दिन ऐसा होता है कि अर्जुन अचानक से भीष्म पितामह पर आक्रमण करना कम कर देता है. श्रीकृष्ण सोच भी नहीं सकते थे कि अर्जुन इस तरह का व्यवहार करेंगे. सोच से उलट जाने के कारण लीलाधर बार-बार अर्जुन को भीष्म पितामह पर वार करने को कहते हैं लेकिन मोह में फंसे अर्जुन भीष्म पितामह पर तगड़ा वार नहीं करते हैं.
श्री कृष्ण उठाते हैं सुदर्शन चक्र
श्री कृष्ण के बार-बार कहने के बाद भी जब अर्जुन भीष्म पितामह पर तगड़ा प्रहार नहीं करते हैं तब उन्हें गुस्सा आता है और खुद सुदर्शन चक्र लेकर पितामह की ओर दौड़ पड़ते हैं. श्री कृष्ण को ऐसा करते देख भीष्म हाथ जोड़कर वासुदेव के समक्ष घुटनों के बल बैठ जाते हैं.
अर्जुन को याद आती है लीलाधर की प्रतिज्ञा
लेकिन अगले ही पल अर्जुन को लीलाधर की प्रतिज्ञा याद आती है और वह श्री कृष्ण को रोक लेते हैं. श्रीकृष्ण के इस कार्य से अर्जुन उत्तेजित हो जाते हैं और कौरवो पर वज्र के समान टूट पड़ते हैं. यही एक जगह है जहां श्री कृष्ण सुदर्शन चक्र तो उठाते हैं लेकिन उसे चलाते नहीं है. मान्यताओं को मानने वाले लोग आज भी यही कहते हैं कि अर्जुन को जगाने के लिए श्री कृष्ण ने ऐसा किया था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)