Ganesh Chaturthi: सावन माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी ( vinayak chaturthi) का व्रत 1 अगस्त यानी कि सोमवार को रखा जाएगा. इस बार गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) के दिन रवि योग के साथ अभिजीत मुहूर्त बन रहा है. वहीं, इस दिन सावन का तीसरा सोमवार है. ऐसे में गणेश की पूजा और रुद्राभिषेक करने से भक्तों को पिता और पुत्र दोनों का आशीर्वाद मिल जाएगा.
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Ganesh Chaturthi 2022: 1 अगस्त यानी कि सोमवार को श्रावण शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है. इस चतुर्थी को वैनायकी गणेश चतुर्थी भी कहते हैं. गणेश भक्तों के लिए इस दिन का विशेष महत्त्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की साधना करने से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं.
मंगल कार्य के लिए गणेश पूजा आवश्यक
भगवान गणेश विघ्ननिवारण के लिए तो प्रसिद्ध हैं ही, प्रत्येक कामना भी इनकी उपासना से पूर्ति होती है. भारत का सनातन मतावलम्बी कोई भी व्यक्ति हो किसी ना किसी रूप में भगवान गणेश की पूजा करता ही रहता है. देवों की पूजा या किसी अन्य मंगल कार्य करते समय इनकी पूजा आवश्यक होती है.
किसी अन्य देवता को नहीं प्राप्त इतना महत्व
हिंदू धर्म का कोई भी मांगलिक कार्य बिना गणपति की पूजा (Ganpati Puja) के पूर्ण नहीं होता है. इतना महत्त्व किसी अन्य देवी-देवता को नहीं प्राप्त है. गणेश का शाब्दिक अर्थ है –गणों के स्वामी. मानव शरीर, पांच कर्मेन्द्रियों, पांच ज्ञानेन्द्रियों और चार अंत:करण द्वारा संचालित होता है और इनके संचालित होने के पीछे जो शक्ति है, वह विभिन्न चौदह देवताओं की शक्ति है, जिनके मूल प्रेरणास्रोत हैं –भगवान गणेश.
इस तरह करें पूजा
अगर कोई वास्तव में भगवान गणेश से शुभ-लाभ की आशा और समस्त कष्ट समाप्त करने की इच्छा करता है तो उसे उनकी प्रिय तिथि चतुर्थी पर विशेष पूजा करनी चाहिए. एक साल तक प्रत्येक चतुर्थी तिथि पर अगर भगवान गणेश की पूजा की जाए तो सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. पूजा प्रारंभ करने से पहले उनका निम्न मंत्र से ध्यान करें – गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्। उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥.
भोलेशंकर का भी मिलेगा आशीर्वाद
इसके बाद ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का कम से कम एक माला का जाप करें. जाप करते समय भगवान गणपति का ध्यान करें. अगर निरंतर यह प्रक्रिया अपनाई गई तो भगवान की कृपा अवश्य ही प्राप्त होती है. इसके अलावा गणेश गायत्री का 'ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात’ महामंत्र भी शीघ्र फलदायक है. इस बार की गणेश चतुर्थी, श्रावण शुक्ल पक्ष के सोमवार को पड़ रही है. सोमवार उनके पिता शिव का दिन माना जाता है. ऐसे में इस दिन किया गया रूद्राभिषेक और गणेश साधना विशेषरूप से फलदायी है, क्योंकि भक्त को पिता-पुत्र का आशीर्वाद एक साथ मिल जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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