पाकिस्तान के ICECUBE-Q का क्या है बच्चा कनेक्शन, चीन की मदद से चांद पर पहुंचने की आस
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पाकिस्तान के ICECUBE-Q का क्या है बच्चा कनेक्शन, चीन की मदद से चांद पर पहुंचने की आस

China Lunar Mission:  2024 की पहली छमाही में चीन अपना लूनर मिशन Change e- 6 भेजने वाला है. चीन के इस मिशन में पाकिस्तान के क्यूबसैट को भेजा जाएगा जिसे पाकिस्तान का चंद्रयान मिशन बताया जा रहा है लेकिन पाकिस्तान जिसे चंद्रयान का नाम दे रहा है उस तरह की सैटेलाइट का निर्माण भारत के कॉलेजों में छात्र बनाते हैं.

पाकिस्तान के ICECUBE-Q का क्या है बच्चा कनेक्शन, चीन की मदद से चांद पर पहुंचने की आस

Pakistan Lunar Mission: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग करा भारत इतिहास रच चुका है. इन सबके बीच चीन अपने लूनर मिशन चेंज ई-6 (Change e 6 mission)को अगले साल चांद पर भेजने की तैयारी कर रहा है लेकिन चर्चा पाकिस्तान की भी हो रही है. चर्चा इसलिए नहीं कि पाकिस्तान भी चंद्रयान मिशन को अंजाम देने वाला है बल्कि इसलिए कि वो आईसक्यूब-क्यू भेजेगा जो फुटबॉल की आकार का है. 

क्यूबसैट का भारत में बनाते हैं बच्चे

अगर क्यूबसैट की बात करें तो इस तरह के सैटेलाइट का निर्माण भारत में स्कूली छात्र करते हैं. क्यूबसैट करीब छह इंच लंबा, डेढ़ फीट तक ऊंचाई और चौड़ाई होती है. भारत अब तक 200 के करीब क्यूब सैटेलाइट लांच कर चुका है. पाकिस्तान का क्यूबसैट चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा जाएगा जहां अंधेरा रहता है. पाकिस्तान के साथ साथ कई और देशों के पेलोड्स भी भेजे जाने हैं. इसमें फ्रांस का डार्न(Dorn) रेडान डिटेक्शन इंस्ट्रूमेंट, यूरोपियन स्पेस एजेंसी का एनआईएलएस(nils) और इटली का आईएनआरआरआई(inrri) शामिल है.

कैसा है चीन का मिशन

चीन का मिशन, चांद की सतह एटकेन बेसिन से मिट्टी और स्टोन का सैंपल ले आएगा, यह अंधेर वाले हिस्से से लाया जाएगा. अभी तक जो सैंपल लाए गए हैं वो उन हिस्सों से लाए गए हैं जो नजर आते हैं. एटकेन बेसिन से करीब 1.9 किग्रा सैंपल करीब सात फीट की गहराई से हासिल किया जाएगा. चीन के मिशन को मई 2024 में लांच किया जा सकता है, जिसे वेनचांग से लांच किया जाना है, लैंडर का वजु करीब 3200 किलो, वीकल का वजन 700 किलो होगा. दक्षिणी ध्रुव के करीब अपोलो बेसिन में इसे उतारा जाएगा.

चीन का चेंज ई 6 मिशन दूसरा ऐसा मिशन है जो चांद की सतह से सैंपल लाएगा. इससे पहले चांगई 5 ने सैंपल को धरती पर लाया था. साल 2007 में चीन ने चांगई मिशन को शुरू किया था. 2011 में दो लैंडर रोवर, 2013 में चांगई 4 ने सैंपल कलेक्शन का काम शुरू किया था जिसे चांगई-5 ने लाया था.

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