Mind Blowing Science : क्या भगदड़ के पीछे भी है कोई विज्ञान? क्यों लोग हड़बड़ा जाते हैं?
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Mind Blowing Science : क्या भगदड़ के पीछे भी है कोई विज्ञान? क्यों लोग हड़बड़ा जाते हैं?

Science of Stampede :  भगदड़ कैसे मचता है? कैसे सैकड़ों हजारों दिमागदार लोग एक साथ इतनी उत्तेजना में आ जाते हैं या हड़बड़ा जाते हैं कि भगदड़ जैसे हालात हो जाते हैं.  

science of human stampede

Science of Stampede : परिभाषा के अनुसार भगदड़ वह अवस्था है जब डर या उत्तेजना में मनुष्यों या जानवरों का समूह एक ही दिशा में भागने लगता है. एक आंकड़े के अनुसार दुनिया भर में सबसे अधिक भगदड़ भारत में हुए हैं. पिछले दिनों दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में एक हैलोवीन उत्सव के दौरान हुए भगदड़ में 150 लोग मारे गए. यहां सवाल उठता है कि यह भगदड़ कैसे मचता है? कैसे सैकड़ों हजारों दिमागदार लोग एक साथ इतनी उत्तेजना में आ जाते हैं या हड़बड़ा जाते हैं कि भगदड़ जैसे हालात हो जाते हैं.  

Science of Stampede : क्या कहना है विशेषज्ञों का? 
स्विटजरलैंड के ईटीएच ज्यूरिख में कंप्यूटेशनल सोशल साइंस के प्रोफेसर डर्क हेल्बिंग के अनुसार भगदड़ मूलतः पैनिक की वजह से होता है. इस पर आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि डर और चिंता की वजह से दिमाग में एक लोचा पैदा होता है जिससे एड्रेनलिन का स्तर बढ़ जाता है.  एड्रेनलिन वह हार्मोन है जो शरीर में रोमांच की अवस्था अथवा मुसीबत पर रिस्पांस करने की गति को नियंत्रित करता है. इसे फ्लाइट एन्ड फ्लाइट इंस्टिंक्ट का नाम दिया जाता है. इस हाल में मानव दिमाग अत्यधिक एक्टिव और आने वाली समस्या से जूझने के लिए तैयार हो जाता है. इस अवस्था में लोग किसी भी आने वाली दिक्कत से बचने के लिए एक तरफ भागने की कोशिश करते हैं. इस दरमियान दिमाग यह सोच नहीं पाता है कि भागते हुए कदमों के नीचे कुछ आ तो नहीं रहा है. अधिकतर भगदड़ भीड़ के  लोगों की इसी बेतहाशा दौड़ की वजह से मचते हैं. \

Reasons of Stampede : बाहरी कारण भी हैं जिम्मेदार 
शोधकर्ताओं के मुताबिक भागने की अवस्था हालांकि मनोवैज्ञानिक होती पर इसमें सबसे अधिक योगदान उन तत्वों का  होता है जो भीड़ में ऐसे स्थिति पैदा करते हैं और भीड़ को अशांत करने की कोशिश करते हैं. इसे क्राउड टर्बुलेन्स कहा जाता है. 

कैसे होता है क्राउड टर्बुलेन्स : What is Crown Turbulence 
विशेषज्ञों के मुताबिक़ जब कम जगह में समाने से अधिक संख्या में लोग होते हैं और चलना मुश्किल होता है, लोग आपस में लगभग चिपके हुए होते हैं, इन हालात में किसी का गिरना या संतुलन बिगड़ना भी भीड़ की गतिविधि को प्रभावित कर सकता है और भगदड़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. कई बार अफवाहों के कारण भी यह असंतुलन पैदा होता है. वास्तव में बेहद ठंसी हुई जगह में  किसी भीएक व्यक्ति के गिरने या असंतुलित होने से पूरी भीड़ में असंतुलन पैदा होता है और लोग एक दूसरे पर गिर सकते हैं. इस वजह से लोगों की सांसे रुक सकती हैं और जान जा सकती है. ऐसा ही कुछ सियोल में भी हुआ था. 

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