Black Hole News: जब विशालकाय ब्लैक होल भोजन करते हैं तो उनके आसपास कोई चीज शांत नहीं रह पाती. यहां तक कि उनके चारों ओर बनने वाली एक्रेशन डिस्क भी हिलती-डुलती रहती है.
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Science News in Hindi: ब्लैक होल यूं ही नहीं 'ब्रह्मांड के राक्षस' कहे जाते. वे अपने आसपास के क्षेत्र पर गहरा प्रभाव डालते हैं. जब वे घूमते हैं तो अपने साथ-साथ स्पेस और टाइम का ताना-बाना भी घसीट लेते हैं. मतलब यह कि ब्लैक होल के आसपास कुछ भी स्थिर नहीं रह सकता, यहां तक कि वे 'प्लेटें' भी जिनसे ये ब्रह्मांडीय राक्षस भोजन करते हैं. सुपरमैसिव ब्लैक होल के चारों ओर गैस और धूल के चपटे बादलों को अभिवृद्धि डिस्क (एक्रेशन डिस्क) के रूप में जाना जाता है. कुछ सुपरमैसिव ब्लैक होल्स के आसपास, इन डिस्कों के मंथन में ऊर्जा का परिवर्तन होता है. गुरुत्वाकर्षण और गतिज ऊर्जा को चमकदार विद्युत चुंबकीय ऊर्जा में बदला जाता है, जिसे 'प्रकाश' के रूप में जानते हैं.
वैज्ञानिकों को पता है कि कम चमकने वाली एक्रेशन डिस्क, कुछ ब्लैक होल के चारों ओर धीमी गति से घूमने वाले स्पिनिंग टॉप की तरह 'डगमगाती' हैं. लेकिन यह साफ नहीं हो पाया था कि क्या अविश्वसनीय रूप से चमकदार या 'अल्ट्रालुमिनस' एक्रेशन डिस्क भी घूमते समय डगमगाती हैं. जापान की सुकुबा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने यही पता लगाने की कोशिश की.
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सभी ब्लैक होल के चारों तरफ नहीं होती ऐसी डिस्क
सुपरमैसिव ब्लैक होल वे होते हैं जिनका द्रव्यमान सूर्य से करोड़ों, अरबों गुना अधिक होता है. ऐसा माना जाता है कि वे सभी बड़ी आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाते हैं. लेकिन सभी सुपरमैसिव ब्लैक होल के चारों ओर एक्रेशन डिस्क नहीं बनती. जहां एक्रेशन डिस्क मौजूद हैं, केंद्रीय ब्लैक होल का विशाल गुरुत्वाकर्षण चपटे बादलों में भारी मात्रा में घर्षण उत्पन्न करता है, जिससे गैस और धूल गर्म हो जाती है और पदार्थ प्लाज्मा में बदल जाता है. इससे एक्रेशन डिस्क उन क्षेत्रों में चमकने लगती हैं जिन्हें एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियाई (AGN) कहते हैं.
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रिसर्च से क्या पता चला
रिसर्च टीम ने बड़े पैमाने पर एक सिमुलेशन रन किया जिसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन की डायनैमिक्स और अल्बर्ट आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत और सामान्य सापेक्षता सिद्धांत का इस्तेमाल किया गया. इससे पहली बार पुष्टि हुई कि बेहद चमकदार एक्रेशन डिस्क भी कम चमक वाली एक्रेशन डिस्क की तरह 'डगमगाती' रहती हैं.
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टीम ने अपने पेपर में लिखा, 'गैस मुख्य रूप से ब्लैक होल के स्पिन एक्सिस अक्ष के बजाय डिस्क के बाहरी हिस्से के रोटेशन एक्सिस के आसपास निकलती है. डिस्क प्रीसेशन समय के साथ गैस के निकलने की दिशा को बदल देता है.' टीम अब यह पुष्टि करना चाहती है कि इन संचयन डिस्कों के केन्द्र में स्थित ब्लैक होल वास्तव में घूम रहे हैं.