मौसम विभाग के मुताबिक, एक दशक के बाद ऐसा हुआ है जब सफदरजंग स्टेशन में एक बार भी लू रिकॉर्ड नहीं किया गया. मई के महीने में तेज हवाएं और बारिश ने मौसम की कूल कर रखा था.
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दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में इस साल अभी तक गर्मी के मौसम ने लोगों को बड़ी राहत दे रखी है. मई का महीना बीतने के बाद एक दिन भी लू की स्थिति बनती नहीं देखी गई. मौसम विभाग के मुताबिक, एक दशक के बाद ऐसा हुआ है जब सफदरजंग स्टेशन में एक बार भी लू रिकॉर्ड नहीं किया गया. मई के महीने में तेज हवाएं और बारिश ने मौसम की कूल कर रखा था. आमतौर पर दिल्ली में 10 जून तक लू कि स्थिति बनती देखी जाती है, मगर अभी से सात दिनों बाद भी मौसम विभाग कि तरफ से लू को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है.
कब बनती है लू कि स्थिति?
भारत मौसम विज्ञान विभाग(आईएमडी) की माने तो, जब अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस तक हो और सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री या अधिक हो ऐसी स्थिति में चलने वाली गर्म हवाओं को लू माना जाता है. साथ ही जब अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को छू जाता है, ऐसी स्थिति में भी गर्म हवाओं के चलने को लू माना जाता है. इसके अलावा अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री या इससे अधिक होने कि स्थिति में भीषण लू की घोषणा की जाती है.
दिल्ली में ज्यादातर लू के दिन अप्रैल और जून के पहले 10 दिनों के बीच होते हैं, जब गर्मी अपने चरम पर होती है. इस साल का पैटर्न कुछ अलग था. पहली बार जब पारा 40 डिग्री तक पहुंचा था, 16 अप्रैल को 40.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. 20 अप्रैल को तापमान उस निशान से नीचे गिर गया. 21 दिनों के अंतराल के बाद, 24 मई को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंचा. इससे पहले 12 मई को तापमान फिर से 42.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा. हालांकि मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दो दिनों के अंदर तापमान 42 डिग्री तक पहुंच सकता है. न्यूनतम तापमान 26 डिग्री के आस पास रह सकता है.
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