IND vs AUS: टीम इंडिया का 12 साल बाद वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाने का सपना, सपना ही रह गया. ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल मैच में 6 विकेट से मात देकर वर्ल्ड कप 2023 जीता. इस मैच का एक मोमेंट सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट बना.
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World Cup 2023 Final, Biggest Turning Point: टीम इंडिया का 12 साल बाद वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाने का सपना, सपना ही रह गया. ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल मैच में 6 विकेट से मात देकर वर्ल्ड कप 2023 जीता. ऑस्ट्रेलिया का यह छठा वर्ल्ड कप खिताब है. वहीं, भारतीय टीम लगातार तीसरी बार नॉकआउट मुकाबला खेलकर टूर्नामेंट से बाहर हुई है. मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों के उदास चेहरे ये साफ बयां कर रहे थे कि टीम के पास इस बार वर्ल्ड कप नाम करने का कितना शानदार मौका था, लेकिन ऐसा न हो सका. आइए आपको इस मैच के सबसे बड़े टर्निंग पॉइंट के बारे में बताते हैं. जहां से कंगारुओं का पलड़ा भारी होता चला गया.
रोहित ने दिलाई दमदार शुरुआत
नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हुए इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया को कप्तान और ओपनर रोहित शर्मा ने दमदार शुरुआत दिलाई. उन्होंने टूर्नामेंट के बाकी मैचों की तरह ही इस मैच में भी पहले ओवर से शॉट्स लगाना शुरू कर दिए. शुभमन गिल के रूप में टीम को पहले झटका जल्दी लगा, लेकिन इसके बाद भी हिटमैन नहीं रुके उन्होंने चौकों-छक्कों की बरसात कर दी. हालांकि, 47 रन बनाकर वह एक गलत शॉट के चक्कर में ग्लेन मैक्सवेल की गेंद पर आउट हो गए. इस समय टीम का स्कोर 9.4 ओवर में 76 रन था.
सस्ते में लौटे अय्यर
चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए श्रेयस अय्यर से किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह इतनी जल्दी पवेलियन लौट जाएंगे. अय्यर ने 2 गेंदें खेलीं और 1 चौका लगाया. तीसरी गेंद पर अय्यर कमिंस की गेंद पर विकेटकीपर के हाथों कैच आउट हो गए. अब टीम का स्कोर 81 रन पर 3 विकेट था. इसके बाद केएल राहुल और विराट कोहली के बीच एक बेहतरीन साझेदारी हुई. दोनों ही बल्लेबाजी बड़ी सूझबूझ से पारी को आगे बढ़ा रहे थे. इस बीच कोहली ने अर्धशतक पूरा किया. फिर वो हुआ जिसका किसी को अंदाजा तक नहीं था. कोहली 54 रन के स्कोर पर प्लेड ऑन होकर आउट हो गए. पूरा स्टेडियम सन्न रह गया. मानो सांप सूंघ गया हो. यही मैच का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट था. अगर कोहली यहां आउट नहीं होते तो शायद भारत एक बड़ा स्कोर खड़ा करने में कामयाब हो सकता था. इसके बाद से ही कंगारू टीम का पलड़ा भारी होता चला गया. कोहली के आउट होने के बाद भले ही राहुल एक तरफ से स्कोर को आगे बढ़ाते रहे, लेकिन बाकी बल्लेबाजों का उन्हें साथ नहीं मिला. टीम के एक के बाद एक विकेट गिरते चले गए और राहुल के 66 रनों की मदद से 240 रन तक ही पहुंच पाया.
गेंदबाजों ने जगाई थी उम्मीद
240 रनों पर ऑलआउट होने के बाद भारतीय गेंदबाजों ने एक समय टीम की जीत की उम्मीद तब जगा दी थी, जब ऑस्ट्रेलिया के 3 बल्लेबाज 47 रन पर आउट हो गए थे. फैंस और टीम को उम्मीद नहीं यकीन था कि टूर्नामेंट के बाकी मैचों की तरह ही एक बार फिर हम कमाल करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. ट्रैविस हेड और लाबुशेन मैच को टीम इंडिया की गिरफ्त से दूर लेते चले गए और आखिर में ऑस्ट्रेलिया चैंपियन बना. हेड ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 120 गेंदों में 137 रनों की मैच विनिंग पारी खेली, जबकि लाबुशेन ने नाबाद 58 रन बनाए.