India vs England: भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने रांची में डेब्यू करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के पहले दिन तीन विकेट चटकाकर तुरंत प्रभाव डालने के लिए रविवार को आकाश दीप की तारीफ की. इरफान पठान ने कहा कि एक तेज गेंदबाज के लिए भारत में डेब्यू करना बहुत मुश्किल होता है.
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India vs England 4th Test: भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने रांची में डेब्यू करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के पहले दिन तीन विकेट चटकाकर तुरंत प्रभाव डालने के लिए रविवार को आकाश दीप की तारीफ की. इरफान पठान ने कहा कि एक तेज गेंदबाज के लिए भारत में डेब्यू करना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन जिस तरह से आकाश दीप ने गेंदबाजी की और तीन विकेट लिए, उसने उज्ज्वल भविष्य का संकेत दिया.
आकाश दीप की घातक बॉलिंग के मुरीद हुए इरफान पठान
इरफान पठान ने कहा, ‘एक बल्लेबाज के रूप में आप चाहते हैं कि आपका डेब्यू भारत में हो लेकिन एक तेज गेंदबाज के रूप में आप इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका या न्यूजीलैंड में पदार्पण करने का सपना देखते हैं. मैच के पहले सत्र में उसने जिस तरह से गेंदबाजी की और तीन विकेट लिए वह सराहनीय है. हम उम्मीद करते हैं कि यहां से आकाश के करियर का ग्राफ ऊपर ही जाएगा.’
यशस्वी जायसवाल को बताया स्पेशल टैलेंट
इरफान पठान ने सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की भी तारीफ की जो किसी टेस्ट सीरीज में 600 या इससे अधिक रन बनाने वाले देश के पांचवें खिलाड़ी बन गए. इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘यशस्वी जायसवाल एक बहुत ही खास क्रिकेटर है, उनका भविष्य बहुत उज्ज्वल है.’ मैराथन में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद इरफान पठान ने कहा कि भारत में एक खेल राष्ट्र बनने की क्षमता है. इरफान पठान ने कहा, ‘ऐसे आयोजनों में भाग लेना वास्तव में विशेष है. मेरा हमेशा से विश्वास रहा है कि भारत एक खेल राष्ट्र बन सकता है.’
आकाश दीप ने दिखाया कमाल
बता दें कि इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में तेज गेंदबाज आकाश दीप ने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन पहुंचाकर अपने पहले ही मैच में प्रभावित किया. आकाशदीप के पिता रामजी सिंह सरकारी हाई स्कूल में ‘फिजिकल एजुकेशन’ शिक्षक थे और वह कभी भी अपने बेटे को क्रिकेटर नहीं बनाना चाहते थे. सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें लकवा मार गया और पांच साल तक बिस्तर पर रहे. उन्होंने फरवरी 2015 में अंतिम सांस ली. इसी साल अक्टूबर में आकाशदीप के बड़े भाई धीरज का निधन हो गया. इसके बाद अब बड़े भाई की पत्नी और उनकी दो बेटियों की जिम्मेदारी भी उनके ही ऊपर थी.