Who is Rinku Singh: अहमदाबाद के प्रतिष्ठित नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में रविवार को रोमांच चरम पर था. फैंस का शोर इतना कि बगल में बैठे शख्स की आवाज ना सुनाई दे पाए. आखिर में जीत रिंकू सिंह की हुई. गुजरात टाइटंस के खिलाफ कोलकाता नाइट राइडर्स (GT vs KKR) को अंतिम गेंद पर जीत दिलाने वाले रिंकू सिंह की कहानी आपको रुला सकती है.
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Who is Rinku Singh, IPL 2023: अहमदाबाद के प्रतिष्ठित नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में रविवार को कमाल हो गया. कोलकाता नाइट राइडर्स ने आखिरी गेंद पर गत चैंपियन टीम गुजरात टाइटंस (GT vs KKR) को 3 विकेट से हराया. गुजरात ने इस मैच में 20 ओवर में 4 विकेट पर 204 रनों का बड़ा स्कोर बनाया. इसके बाद कोलकाता ने 7 विकेट पर 207 रन बनाते हुए अंतिम गेंद पर जीत हासिल की. जीत में सबसे बड़ा योगदान रिंकू सिंह (Rinku Singh) का रहा, जो अकेले दम पर गुजरात के जबड़े से जीत छीन लाए.
अहमदाबाद में दिखा गजब का रोमांच
रविवार शाम को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में रोमांच चरम पर था. फैंस का शोर इतना कि बगल में बैठे शख्स की आवाज भी सुनाई ना दे पाए. आखिर में जीत रिंकू सिंह के दम पर कोलकाता की हुई. गुजरात टाइटंस के खिलाफ कोलकाता नाइट राइडर्स (GT vs KKR) को अंतिम गेंद पर जीत दिलाने वाले रिंकू सिंह की कहानी बेहद मार्मिक है, जिन्होंने तमाम संघर्षों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी. कोलकाता को जीत के लिए आखिरी ओवर में 29 रन की जरूरत थी और रिंकू ने इतिहास ही रच दिया.
रिंकू ने मचा दिया कोहराम
कोलकाता ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 19 ओवर में 7 विकेट पर 176 रन बना लिए थे. आखिरी ओवर में 29 रन की दरकार थी. रिंकू सिंह 16 गेंदों पर 18 जबकि उमेश यादव 5 गेंदों पर 4 रन बनाकर क्रीज पर थे. कार्यवाहक कप्तान राशिद ने आखिरी ओवर के लिए गेंद यश दयाल को सौंपी. पहली गेंद पर उमेश ने सिंगल लेकर रिंकू को स्ट्राइक दे दी. रिंकू ने फिर लगातार 5 छक्के लगाते हुए कोलकाता को जीत दिला दी. उन्होंने 21 गेंदों पर नाबाद 48 रन बनाए. जैसे ही जीत मिली, टीम के साथी खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ... सब रिंकू को गले लगाने के लिए दौड़ पड़े.
झाड़ू-पोंछा तक लगाया
गुजरात टाइटंस (GT) के जबड़े से अंतिम गेंद पर जीत छीनने वाले रिंकू सिंह (Rinku Singh) की कहानी काफी मार्मिक है. 5 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर रिंकू ने कभी झाड़ू-पोंछा तक लगाया. पैसे की किल्लत झेली, इसके बावजूद उन्होंने क्रिकेटर बनने का अपना सपना देखना नहीं छोड़ा. अब उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए धुआंधार मैच विजयी प्रदर्शन किया. उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में जन्मे रिंकू 5 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं.
पापा करते हैं सिलेंडर-डिलीवरी का काम
12 अक्टूबर 1997 को जन्मे रिंकू सिंह का क्रिकेटर बनने का सफर आसान नहीं रहा. रिंकू के पिता गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे. परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थे. रिंकू का क्रिकेटर बनने का सपना जैसे टूटने लगा था. उन पर कमाई की जिम्मेदारी थी ताकि घर की आर्थिक स्थिति संभल सके.
ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं रिंकू
रिंकू ने तब हताश होकर नौकरी करने और पैसे कमाने का फैसला किया. वह ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं और इसी के कारण उन्हें झाड़ू-पोंछा मारने की नौकरी ही मिल रही थी. रिंकू ने इसके बाद पूरी तरह से क्रिकेट पर फोकस करने का मन बनाया. दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट में उन्हें मैन ऑफ द सीरीज बनने के चलते इनाम के तौर पर बाइक मिली, जिसे उन्होंने अपने पिता को सौंप दिया था.
यूपी के लिए खेलते हैं रिंकू
घरेलू क्रिकेट में रिंकू सिंह उत्तर प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने अभी तक के अपने करियर में 40 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं और 7 शतक, 19 अर्धशतक जमाते हुए कुल 2875 रन बनाए हैं. वह इस दौरान 6 विकेट भी ले चुके हैं. उन्होंने अपने ओवरऑल टी20 करियर में 78 मैचों में 1392 रन ठोके हैं.
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