Area 51 Meaning : शीत युद्ध के दौर में अमेरिका और रूस एक दूसरे पर दबाव बनाने के लिए कई गोपनीय सैन्य ऑपरेशन की तैयारी कर रहे थे. उस खास मकसद के लिए अपने-अपने मुल्कों में गोपनीय इलाकों की पहचान की और उसे सैन्य ठिकानों के तौर पर विकसित किया.
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Area 51 Truth: दुनिया में रहस्यों की कमी नहीं. कुछ प्राकृतिक तौर पर अस्तित्व में होते हैं तो कुछ गढ़े जाते हैं, उनमें से एक है एरिया 51. अब आपके जेहन में सवाल उठ रहा होगा कि यह क्या और कहां है, इसका किसी देश से खास नाता है या सिर्फ यह कल्पना मात्र है. इस खास इलाके के बारे में जैसे जैसे आपको जानकारी मिलेगी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. बता दें कि एरिया 51 किसी रील लाइन का हिस्सा नहीं है बल्कि दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका से नाता है. शीत युद्ध के दौर में सोवियत संघ से टक्कर के लिए इसे सैन्य अड्डे के तौर पर विकसित किया गया था.
किस देश से एरिया 51 का नाता
एरिया 51 के बारे में तरह तरह की खबरें पहले भी आती रही हैं. इस इलाके के बारे में जो भी जानकारियां 2013 से मिलीं वो रहस्यों के चादर में लिपटी हुई थी. 2013 के बाद अमेरिकी सरकार ने माना कि इसके इलाके में गुप्त सैन्य केंद्र है तब जाकर रहस्य से पर्दा उठा. यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में यह व्यवस्था है कि वहां नागरिक सरकार से उन गतिविधियों के बारे में सवाल जवाब कर सकते हैं जिसे सरकार अपने स्तर पर करती है. दरअसल अमेरिका में एक दफे यू-2 स्पाई प्लेन की टेस्टिंग हुई थी और वो लंबे समय गोपनीयता के नाम पर छिपाई गई लेकिन सरकार ने इसके बारे में जानकारी साझा करने का फैसला किया और उसी क्रम में एरिया 51 के बारे में पता चला.
नेवादा में है एरिया 51
अमेरिका के नेशनल सेक्योरिटी पर गहरी नजर रखने वालों का कहना है कि उन्हें एरिया 51 पर किए गए कई गोपनीय काम के बारे में जानकारी है और इनका स्पेस एलियन से किसी तरह का नाता नहीं रहा है. दक्षिणी नेवादा के दूर वाले हिस्से में इसे बनाया गया है जिसकी दूरी लॉस वेगास से करीब 161 किमी है. यह इलाका यूएस एयरफोर्स नेवादा टेस्ट और ट्रेनिंग रेंज के बीच में है. अब इसे नेवादा नेशनल सेक्योरिटी साइट के नाम से जाना जाता है. भौगोलिक तौर पर यह नेलिस एयरफोर्स रेंज का हिस्सा है. नेवादा नेशनल सेक्योरिटी साइट में पड़ने वाले हिस्से को ही एरिया 51 के नाम से जाना जाता है जहां गोपनीय गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है. इसमें होमी एयरपोर्ट मौजूद है. इस एयरपोर्ट के बगल में खारे पानी की झील लेक ग्रूम है.
रूस की वजह से अमेरिका ने बनाया
अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ के बीच जब शीत युद्ध चरम पर था उस वक्त दोनों देशों ने इस तरह के हिस्सों की पहचान की जहां पर गोपनीय सैन्य गतिविधियों, हथियारों की टेस्टिंग की जा सके. इसका मकसद एक दूसरे को काबू करना था. दुनिया के सामने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना था, इन इलाकों में सिर्फ हथियारों की टेस्टिंग नहीं की जाती थी बल्कि खेती भी होती थी लेकिन आम लोगों से दशकों तक इन बातों को छिपाया गया. जानकार कहते हैं कि इस तरह के गोपनीय ऑपरेशन का बड़ा फायदा यह हुआ है कि डर की वजह से तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका पर विराम लग गया.