Artificial Intelligence: सैम अल्टमैन की अगुआई वाला ओपनएआई इस वक्त कैश की कमी से जूझ रहा है. लिहाजा GPT-3.5 और GPT-4 के मोनेटाइज होने के बाद भी कंपनी उतना राजस्व जुटाने में कामयाब नहीं हो पाई है, जितने की उसको जरूरत है.
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ChatGPT Bankrupt: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टूडियो ओपनएआई के लिए बुरी खबर है. एक रिपोर्ट के मुताबिक OpenAI अगले साल तक कंगाल हो सकता है. एनालिटिक्स इंडिया मैगजीन की रिपोर्ट ने कहा कि OpenAI को अपनी एक एआई सर्विस चैटजीपीटी को चलाने के लिए हर दिन करीब 700,000 डॉलर यानी 5.80 करोड़ रुपये थर्च करने पड़ते हैं. सैम अल्टमैन की अगुआई वाला ओपनएआई इस वक्त कैश की कमी से जूझ रहा है. लिहाजा GPT-3.5 और GPT-4 के मोनेटाइज होने के बाद भी कंपनी उतना राजस्व जुटाने में कामयाब नहीं हो पाई है, जितने की उसको जरूरत है.
2022 में हुआ था लॉन्च
चैटजीपीटी को नवंबर 2022 में लॉन्च किया गया था और देखते ही देखते यह इतिहास में सबसे तेजी से उभरता ऐप बन गया. हालांकि शुरुआत में तो इसको ग्राहकों ने हाथोंहाथ लिया. लेकिन बीते कुछ महीनों का ट्रेंड देखें तो इससे जुड़ने में उपयोगकर्ताओं की गिरावट आई है. अगर सिमिलरवेब का डेटा उठाकर देखें तो मालूम चलता है कि जुलाई के आखिर तक आते-आते चैटजीपीटी का यूजर बेस और भी घट गया है. डेटा के मुताबिक, जून की तुलना में जुलाई 2023 में यूजर्स में 12 प्रतिशत की कमी आई है. पहले यह 1.7 बिलियन यूजर था, जो अब 1.5 बिलियन यूजर हो गया है.
1 बिलियन डॉलर का है टारगेट
रिपोर्ट की मानें तो कंपनी की एपीआई भी प्रॉब्लम का ही पार्ट है. पहले कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को चैटजीपीटी का इस्तेमाल करने के लिए मना किया करती थीं. लेकिन बाद में उन्होंने OpenAI के एपीआई को हासिल करने का काम शुरू कर दिया. इस कारण से वे अपने कामकाज के लिए खुद ही एआई चैटबॉट बनाने के काबिल बन गए.
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि OpenAI फिलहाल फायदे में नहीं है. मई के महीने में इसने चैटजीपीटी बनाना शुरू किया. इस कारण से इसका घाटा डबल होकर 540 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया. माइक्रोसॉफ्ट ने इसमें 10 बिलियन डॉलर का निवेश किया हुआ है, शायद उसी कारण से कंपनी काम कर रही है. बता दें कि ओपनएआई ने साल 2023 में वार्षिक राजस्व के 200 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना जताई है. जबकि 2024 के लिए उसका टारगेट 1 बिलियन डॉलर है.