स्कैमर्स के एक ग्रुप ने कथित तौर पर MS Dhoni सहित कई बॉलीवुड एक्टर्स के GST पहचान नंबर यानी GSTIN से उनके पैन डिटेल्स को प्राप्त किया और पुणे आधारित फिनटेक स्टार्टअप ‘वन कार्ड’ से उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड बनवाए.
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साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. अब एक विचित्र मामले में स्कैमर्स के एक ग्रुप ने कथित तौर पर MS Dhoni सहित कई बॉलीवुड एक्टर्स के GST पहचान नंबर यानी GSTIN से उनके पैन डिटेल्स को प्राप्त किया और पुणे आधारित फिनटेक स्टार्टअप ‘वन कार्ड’ से उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड बनवाए. शाहदरा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रोहित मीणा ने बताया कि धोखाधड़ी करने वालों ने अभिषेक बच्चन, शिल्पा शेट्टी, माधुरी दीक्षित, इमरान हाशमी और महेंद्र सिंह धोनी के नाम और उनके विवरण का इस्तेमाल किया.
21 लाख रुपये किए खर्च
मीणा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, 'मामले की जांच जारी है, इसलिए हम इस पर और टिप्पणी नहीं कर सकते.' कंपनी को बाद में धोखाधड़ी का पता चला, लेकिन इससे पहले ही जालसाजों ने इनमें से कुछ कार्ड का इस्तेमाल कर 21.32 लाख रुपये के प्रोडक्ट्स की खरीदारी कर ली थी. इसके बाद, कंपनी ने तुरंत दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसने कार्रवाई करते हुए मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
आरोपी गिरफ्त में
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि पांचों आरोपियों की पहचान पुनीत, मोहम्मद आसिफ, सुनील कुमार, पंकज मिश्रा और विश्व भास्कर शर्मा के तौर पर हुई है. इन्होंने बेहद असामान्य तरीके से कंपनी को धोखा देने के लिए मिलकर काम किया. एक सूत्र ने कहा, 'गिरफ्तारी के बाद जब आरोपियों से पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि कैसे इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया. आरोपियों ने गूगल पर मौजूद मशहूर हस्तियों के जीएसटी विवरण का इस्तेमाल किया. उन्हें यह बात पता थी जीएसटीआईएन के पहले दो अंक राज्य का कोड और उसके बाद के 10 अंक पैन नंबर हैं.'
सूत्र ने कहा, 'इन हस्तियों की जन्मतिथि भी गूगल पर मौजूद थी... पैन नंबर और जन्मतिथि मिलने से उन्हें पैन संबंधी आवश्यक विवरण हासिल हो गया. उन्होंने धोखे से पैन कार्ड को फिर से बनवाया और उस पर अपनी तस्वीर लगा दी, ताकि वीडियो वेरिफिकेशन के दौरान उनका चेहरा पैन/आधार कार्ड पर उपलब्ध तस्वीर से मेल खाए.' सूत्र ने बताया कि उदाहरण के लिए अभिषेक बच्चन के पैन कार्ड में उनका पैन नंबर और जन्मतिथि थी, लेकिन आरोपियों में से एक की तस्वीर लगी थी.
उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और यह संदेह है कि आरोपियों ने अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों से क्रेडिट कार्ड हासिल करने के लिए भी यही तरीका अपनाया होगा. पुणे स्थित कंपनी ने पुलिस में दर्ज कराई की शिकायत में कहा है, 'एफपीएल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ‘वन कार्ड’ जारी करती है, जो एक संपर्क रहित क्रेडिट कार्ड है. साथ ही वन कार्ड और वन स्कोर एप के जरिये ऑनलाइन सेवाएं भी मुहैया कराई जाती हैं, ताकि ग्राहक इसे किसी वेबसाइट या एप पर ऑनलाइन लेन-देन या खरीदारी के लिए इस्तेमाल कर सकें.' कंपनी ने आरोप लगाया कि इन जालसाजों ने अपने नाम पर जारी किए गए क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए पैन और आधार संख्या जैसे विवरण अपलोड करके एप के माध्यम से कंपनी से संपर्क किया था.
(इनपुट-भाषा)
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