FASTag का रिचार्ज कराते समय रहें सावधान! शख्स के अकाउंट से उड़ गए 1 लाख रुपये
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FASTag का रिचार्ज कराते समय रहें सावधान! शख्स के अकाउंट से उड़ गए 1 लाख रुपये

FASTag Scam: जैसे-जैसे नई टक्नोलॉजी आ रही हैं, उससे साइबर क्राइम में भी बढ़ौतरी हुई है. एक शख्स के साथ 1 लाख रुपये की लूट हुई. आइए जानते हैं क्या है मामला...

 

FASTag का रिचार्ज कराते समय रहें सावधान! शख्स के अकाउंट से उड़ गए 1 लाख रुपये

साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. हैकर्स पैसा लूटने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं. साइबर धोखाधड़ी का एक नया मामला सामने आया है जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया है. नए मामले को देखकर लगता है कि कैसे स्कैमर्स लोगों को बरगाने के लिए नए तरीके ढूंढ रहे हैं. जैसे-जैसे नई टक्नोलॉजी आ रही हैं, उससे साइबर क्राइम में भी बढ़ौतरी हुई है. एक शख्स के साथ 1 लाख रुपये की लूट हुई. आइए जानते हैं क्या है मामला...

शख्स के अकाउंट से उड़ गए 1 लाख रुपये

कर्नाटक में एक नया मामला सामने आया है. एक व्यक्ति से 1 लाख रुपये की ठगी की गई. FASTag को रिचार्ज करने के दौरान उसके साथ ठगी की गई. अगर आप भी FASTag का रिचार्ज कराते हैं तो सावधान रहना चाहिए. उडुपी के ब्रह्मवारा से फ्रांसिस पायस 29 जनवरी को अपनी कार में मंगलुरु की यात्रा कर रहे थे.

कैसे हुआ फ्रॉड

जब वह एक टोल प्लाजा पर पहुंचे, तो उन्होंने महसूस किया कि उनके फास्टैग कार्ड में पैसे कम थे और टोल का भुगतान करने के लिए, उन्होंने हेल्पलाइन नंबरों की खोज करने की कोशिश की. उन्होंने इंटरनेट पर सर्च करने पर एक नंबर मिला और रिचार्ज करने के लिए कॉल किया. उसे बिल्कुल नहीं पता था कि यह कॉल उसको फ्रॉड का शिकार बना देगी. 

पायस ने कॉल किया तो सामने से शख्स ने खुद को पेटीएम फास्टैग का प्रतिनिधि बताया. रिचार्ज करने के लिए उसने पायस से फोन पर आए OTP शेयर करने को कहा. पायस ने सारे निर्देशों का पालन करने के बाद OTP शेयर किया. उसके कुछ ही मिनट बाद कई बार पैसे अकाउंट से गायब होते गए.

अचानक कटते गए पैसे

सबसे पहले 49 हजार रुपये डेबिट हुए, उसके बाद 19,999 रुपये, 19,998 रुपये, 9,999 रुपये और 1,000 रुपये की ट्रांजेक्शन हुई. पायस को कुल मिलाकर 99,997 रुपये का नुकसान हुआ. जैसे ही उसको पता चला कि धोखा हुआ है तो उसने उडुपी सीईएन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया. 

कैसे बचें

- अगर आप कस्टमर केयर पर कॉल करते हैं तो कोई भी प्रतिनिधि आपकी बैंक डिटेल्स को नहीं मांगता है. इसलिए OTP या बैंक डिटेल्स को शेयर न करें. 
- वेबसाइट चेकर या सुरक्षित ब्राउज़िंग टूल का उपयोग करें, जिससे पता चल सके कि वेबसाइट असली है या नकली.
- डोमेन की उम्र को जरूर चेक करें. पता चल जाएगा कि पेज को कब बनाया गया है.

फास्टैग कैसे रिचार्ज करें

फास्टैग को रिचार्ज करने के लिए, आप पेटीएम, जीपे और फोनपे सहित किसी भी यूपीआई ऐप का उपयोग करके कार्ड को रिचार्ज कर सकते हैं.

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