EVM Vote Counting: भारत में 1998 से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल चुनावों में हो रहा है. EVM ने मतदान प्रक्रिया को ज़्यादा पारदर्शी, कुशल और विश्वसनीय बना दिया है.
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EVM Vote Counting: लोकसभा चुनावों के लिए हो रहे मतदान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 अप्रैल) को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से डाले गए वोट का ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (VVPAT) के साथ 100 फीसदी मिलान कराने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी. भारत में 1998 से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल चुनावों में हो रहा है. EVM ने मतदान प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी, कुशल और विश्वसनीय बना दिया है.
EVM से वोट काउंटिंग कैसे होती है, इसकी पूरी प्रक्रिया इस प्रकार है:
1. मतदान के बाद:
मतदान समाप्त होने के बाद, EVM को सील कर दिया जाता है और मतदान केंद्र से सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाता है.
सभी EVM को एक निर्धारित स्थान पर इकट्ठा किया जाता है, जिसे 'मतगणना केंद्र' कहा जाता है.
2. मतगणना केंद्र पर:
मतगणना केंद्र पर, चुनाव अधिकारी EVM को सील खोलते हैं और उन्हें एक 'कंट्रोल यूनिट' और 'बैलट यूनिट' में अलग करते हैं.
'कंट्रोल यूनिट' को एक 'रीडिंग मशीन' से जोड़ा जाता है.
'रीडिंग मशीन' EVM में डाले गए वोटों की संख्या को पढ़ती है और उसे एक 'मतगणना शीट' पर रिकॉर्ड करती है.
3. वोटों की गिनती:
'मतगणना शीट' पर रिकॉर्ड किए गए वोटों की संख्या को विभिन्न उम्मीदवारों को मिले वोटों की संख्या के साथ मिलान किया जाता है.
यह मिलान 'वोटिंग ऑफिसर' और 'पार्टी एजेंट' की उपस्थिति में किया जाता है.
वोटों की गिनती पूरी होने के बाद, 'मतगणना अधिकारी' परिणामों की घोषणा करते हैं.
4. VVPAT का उपयोग:
2010 से, भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के साथ 'वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल' (VVPAT) का भी उपयोग किया जा रहा है.
VVPAT एक स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो मतदाता द्वारा डाले गए वोट की एक पर्ची को प्रिंट करता है और उसे एक सुरक्षित बॉक्स में रखता है.
VVPAT का उपयोग EVM में डाले गए वोटों के रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए किया जाता है.
EVM काउंटिंग को सटीक माना जाता है क्योंकि:
EVM इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जो मानवीय त्रुटि की संभावना को कम करते हैं.
VVPAT का उपयोग EVM में डाले गए वोटों के रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए किया जाता है.
मतगणना प्रक्रिया 'मतगणना अधिकारी', 'पार्टी एजेंट' और अन्य अधिकारियों की देखरेख में होती है.
निष्कर्ष:
EVM ने भारत में चुनावों को ज़्यादा पारदर्शी, कुशल और विश्वसनीय बना दिया है. EVM काउंटिंग एक सटीक प्रक्रिया है जो चुनावी नतीजों को सही ढंग से दर्शाती है.