Tech New: जानिए क्या 'बला' है OIS और EIS, अंतर जानें बिना भूलकर भी स्मार्टफोन खरदीने से बचना चाहिए.
Trending Photos
Tech Tips: नया स्मार्टफोन खरीदते समय OIS और EIS जैसे शब्दों से पाला जरूरी पड़ता है, लेकिन क्या आपको पता है OIS और EIS का अर्थ क्या है? OIS और EIS दोनों ही किसी भी स्मार्टफोन के लिए जरूरी हैं. आपको बतातें है दोनों ही OIS और EIS के बीच अंतर.
जब भी आप स्मार्टफोन से Video बनाते हैं या इमेज कैप्चर करते हैं तो उसे स्टेबल (स्थिर) रखने के लिए OIS और EIS होता है. ये दोनों ही फोन के कैमरे के लिए जरूरी हैं.
OIS क्या है-
OIS का फुल फॉर्म ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन (Optical Image Stabilization) है. एक हार्डवेयर-बेस्ड टेक्नोलॉजी OIS है. जो स्मार्टफोन के कैमरे में मौजूद छोटे गिंबल (Gimbal) का उपयोग करके कैमरे के कंपन को कम कर देता है. यानी जब भी आप Video बनाएंगे तो Video स्टेबल (स्थिर) बनेगा.
EIS क्या है-
EIS का फुल फॉर्म है इलेक्ट्रॉनिक इमेज स्टेबलाइजेशन (Electronic Image Stabilization) है. इलेक्ट्रॉनिक इमेज स्टेबलाइजेशन एक सॉफ्टवेयर बेस्ड टेक्नोलॉजी है. जहां OIS हार्डवेयर की मदद से इमेज को स्टेबल करने में मदद करती है तो वहीं EIS सॉफ्टवेयर की मदद से Video को डिजिटल तरीके से स्थिर करती है.
क्या है EIS के फायदे
EIS तकनीक OIS के मुकाबले सस्ती होती है. इसके अलावा OIS से ज्यादा बेहतर Video और पिक्चर क्वॉलिटी मिलती है. हालांकि यह टेक्नोलॉजी काफी महंगी पड़ती है.
EIS बेहतर या OIS बेहतर
अगर आप क्वालिटी से समझौता करना पसंद नहीं करते हैं तो OIS आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. वहीं अगर आप बजट स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं तो EIS आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. कुछ रिपोर्ट्स की माने तो स्मार्टफोन में OIS और EIS दोनों होते हैं, लेकिन Video रिकॉर्डिंग के लिए OIS और फोटो के लिए EIS बेहतर विकल्प माना जाता है.
ये भी पढ़िए
Vi, Jio और Airtel के साथ मिल रहा है इन OTT Apps का सब्सक्रिप्शन बिल्कुल मुफ्त, यहां देखिए लिस्ट