दिल्ली के एसजे एन्क्लेव निवासी प्रदीप चौधरी को हाल ही में उबर की नकली ग्राहक सेवा द्वारा धोखा दिया गया. उन्होंने गुरुग्राम की यात्रा के लिए उबर कैब बुक की और बुकिंग करते समय यात्रा का किराया 205 रुपये दिखाया गया. ट्रिप खत्म होने के बाद किराया 318 रुपये हो गए. उसके बाद जो हुआ, उसको पढ़कर आप भी हैरान हो जाएंगे...
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हाल ही में, भारत में एक उबर सवार को ऑनलाइन घोटाले का शिकार होना पड़ा. उसने Google सर्च रिजल्ट में दिखाई देने वाले नकली ग्राहक सेवा नंबर के माध्यम से मदद मांगी. पीड़ित ने एक उबर यात्रा के संबंध में सहायता मांगी थी, जिसने उससे अतिरिक्त राशि वसूल की थी. रिफंड प्राप्त करने के प्रयास में, उसने उबर की हेल्पलाइन से संपर्क करने का प्रयास किया. हालांकि, उसने आधिकारिक Uber ऐप का उपयोग करने के बजाय Google पर Uber सर्च किया.
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के एसजे एन्क्लेव निवासी प्रदीप चौधरी को हाल ही में उबर की नकली ग्राहक सेवा द्वारा धोखा दिया गया. उन्होंने गुरुग्राम की यात्रा के लिए उबर कैब बुक की और बुकिंग करते समय यात्रा का किराया 205 रुपये दिखाया गया. ट्रिप खत्म होने के बाद किराया 318 रुपये हो गए. मदद के लिए चौधरी ने गूगल सर्च रिजल्ट पर जो नंबर दिखा, उस पर कॉल कर कस्टमर केयर से संपर्क किया.
गूगल से ढूंढा नंबर
शिकायत के मुताबिक, पीड़ित ने कहा कि उबर ड्राइवर ने रिफंड के लिए कस्टमर केयर से कॉन्टैक्ट करने की सलाह दी. ऐप ओपन करने के बजाय पीड़ित ने गूगल पर उबर हेल्पलाइन लाइन नंबर को सर्च किया. गूगल से उनको '6289339056' नंबर मिला और उसको राकेश मिश्रा '9832459993' पर रीडायरेक्ट कर दिया.
ऐसे फंसाया जाल में
मिश्रा ने चौधरी को गूगल प्ले स्टोर से 'रस्ट डेस्क ऐप' डाउनलोड करने का निर्देश दिया. इस ऐप का उपयोग करके, मिश्रा ने चौधरी के फोन में एक फर्जी रिफंड संदेश भेजा. संदेश में कहा गया था कि चौधरी को 112 रुपये का रिफंड दिया जा रहा है. चौधरी ने अपना फोन नंबर प्रदान करने की आवश्यकता के बारे में पूछा, तो मिश्रा ने उसे आश्वासन दिया कि यह खाता सत्यापन उद्देश्यों के लिए था. हालांकि, वास्तव में, मिश्रा ने चौधरी के फोन नंबर का उपयोग करके उनके बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए एक OTP प्राप्त किया.
निर्देशों को पूरा मानने के बाद पीड़ित ने अपने बैंक अकाउंट से अनऑथोराइज्ड ट्रांसेक्शन देखा. पहले किसी अतुल कुमार को 83,760 रुपया का ट्रांसफर था. इसके बाद 4 लाख रुपये, 20,012 रुपये, 49,101 रुपये और 4 अन्य अनस्पेसिफाइड अमाउंट ट्रांसेक्शन हुए. शिकायत के मुताबिक, 3 ट्रांसेक्शन पेटीएम से हुए और बाकी एक PNB बैंक से हुए. जब उसे धोखाधड़ी का पता चला तो वो तुरंत पुलिस स्टेशन शिकायत के लिए पहुंचा.