Congress Government in Telangana: वैसे तो जिस नेता की बात हम करने जा रहे हैं वो महाभारत के भीष्म तो नहीं हैं. लेकिन प्रतीज्ञा उनकी तरह ली. 2016 में उन्होंने खुद से वादा किया था कि जब तक तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार नहीं बनेगी वो अपनी दाढ़ी नहीं कटवाएंगे. अब कांग्रेस की सरकार बन चुकी है. अब लोगों को इंतजार है कि क्या वे दाढ़ी बनवाएंगे.
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N Uttam kumar Reddy News: हम सब किसी खास मकसद को हासिल करने के लिए खुद से ही शपथ लेते हैं. दरअसल खुद से ली हुई शपथ प्रेरणा देती है कि लक्ष्य के हासिल होने तक भटकना नहीं है. यहां पर हम बात कर रहे हैं कि तेलंगाना कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी की. अब जब तेलंगाना में रेवंत रेड्डी की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बन चुकी है और उत्तम कुमार रेड्डी का प्रण भी पूरा हो चुका है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या अब वे अपनी दाढ़ी बनवाएंगे. बता दें कि उत्तम रेड्डी ने गुरुवार को रेवंत रेड्डी सरकार में शपथ ली है.
2016 में ली थी शपथ
आपको याद होगा कि यूपीए की सरकार ने तेलंगाना राज्य का गठन 2014 में किया था. लेकिन सरकार बनाने का मौका मिला तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव को. केसीआर के शासन के दो साल पूरे हो रहे थे और उत्तम रेड्डी खुद से शपथ की तरफ. 2016 में उन्होंने कहा कि जब तक कांग्रेस की सरकार तेलंगाना में सरकार बनाने में कामयाब नहीं होगी. वो अपनी दाढ़ी नहीं कटाएंगे. लेकिन 2018 में जब तेलंगाना में दोबारा विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस एक बार फिर टीआरएस से पिछड़ गई और उत्तम कुमार के लिए दाढ़ी कटाने का इंतजार बढ़ गया. उन्होंने हार नहीं मानी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए जी जान लगा दी और नतीजा भी सामने है. ये बात अलग है कि इस जीत का श्रेय रेवंत रेड्डी के खाते में गया. अब सूबे के सीएम हैं.
तेलंगाना में शपथ का दिलचस्प सिलसिला
एन उत्तम कुमार रेड्डी एकलौते ऐसे नेता नहीं हैं जिन्होंने खुद से शपथ ली हो. कांग्रेस प्रेसीडेंट रेवंत रेड्डी ने भी नतीजों से पहले कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में नहीं आई तो राजनीति छोड़ देंगे. हालांकि कांग्रेस अब जब सत्ता में आ चुकी है तो उनकी शपथ का मतलब नहीं है. इसी तरह कांग्रेस के ही एक नेता गणेश ने कहा था कि वो अपना गला काट लेंगे. दक्षिण भारत की राजनीति पर नजर रखने वाले बताते हैं कि वहां के राजनेता जनता को लुभाने के लिए इस तरह की बातें करते हैं. लेकिन उत्तम रेडी की शपथ में गंभीरता थी. आप याद करें कि उन्होंने शपथ 2016 में ली थी और 2018 के चुनाव में कांग्रेस हार भी गई. लेकिन वो खुद से ली गई शपथ पर डटे रहे.