भूकंप से प्रभावित नेपाल में मंगलवार को मरने वालों की संख्या बढ़ कर 4,350 से ऊपर चली गयी जबकि घायलों की संख्या 8,000 से अधिक है। इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने स्वीकार किया है कि राहत एवं बचाव अभियान प्रभावी साबित नहीं हुए हैं।
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नई दिल्ली/काठमांडू : भूकंप से प्रभावित नेपाल में मंगलवार को मरने वालों की संख्या बढ़ कर 4,350 से ऊपर चली गयी जबकि घायलों की संख्या 8,000 से अधिक है। इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने स्वीकार किया है कि राहत एवं बचाव अभियान प्रभावी साबित नहीं हुए हैं। प्रधानमंत्री कोइराला ने एक इंटरव्यू में कहा है कि नेपाल में आए भूकंप से मृतकों की तादाद बढ़कर 10 हजार तक पहुंच सकती है। सरकार पीड़ितों और घायलों को हरसंभव मदद की कोशिश कर रही है लेकिन हमारे सामने राहत कार्य अभियान को लेकर काफी दिक्कतें आ रही है।
नेपाल भूकंप से जुड़े ताजा घटनाक्रम-
-संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि नेपाल भूकंप से 50 हजार से अधिक गर्भवती महिलाएं प्रभावित हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि नेपाल में आए भीषण भूकंप से 80 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
-मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नेपाल में भूकंप से मरने वालों की संख्या 5000 को पार कर गई है।
-रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दो टन खाद्य सामग्री लेकर एएन 32 एयरक्राफ्ट पोखरा हवाईअड्डे पर उतरा है।
-भारत में नेपाल के राजदूत दीप उपाध्याय ने राहत सामग्री नेपाल पहुंचाने के लिए भारतीय वायु सेना को धन्यवाद दिया है।
-विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि वह नेपाल में अत्यधिक सहायता उपलब्ध कराएगा। विहिप ने कहा है कि वह नेपाल के लिए लोगों के लिए घरों, मंदिरों एवं पूजा स्थलों के पुनर्निर्माण में मदद करेगा। हिंदू संगठन ने कहा है कि भूकंप की वजह से अनाथ हुए बच्चों को वह भारत लाएगा और देश भर में पहले अपने संस्थाओं में उनकी शिक्षा एवं पालन-पोषण की व्यवस्था करेगा।
-भूकंप से तबाह हुए नेपाल को दोबारा पटरी पर लाने के भारत के प्रयासों एवं नेतृत्व की अमेरिका ने प्रशंसा की है। भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा, 'हाल के सप्ताहों में भारत ने अपनी वैश्विक नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है। भारत ने पहले यमन में और अब नेपाल में अपनी इस क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है। हम भारत के आभारी हैं। भारत के इस सहयोगपूर्ण रुख से हम प्रभावित हैं और यह प्रेरित करने वाला है। अमेरिका और भारत के सहयोग में विस्तार हो रहा है। नेपाल में राहत कार्यों के लिए भारत सी-17 और सी-130 विमानों का प्रमुखता से उपयोग कर रहा है।'
-भारत ने नेपाल में एनडीआरएफ की छह और टीमों को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया है। आपदा के चौथे दिन एनडीआरएफ की 16 टीमें नेपाल में राहत एवं बचाव कार्य में लगी है। एनडीआरएफ की प्रत्येक टीम में करीब 45 सदस्य हैं।
-अमेरिका ने भूकंप प्रभावित नेपाल के लिए राहत और बचाव अभियान शुरू करने के साथ 90 लाख डॉलर की ताजा आर्थिक मदद की घोषणा की है।
- भूकंप से मृतकों की संख्या बढ़ी, अबतक 4352 लोगों की मौत, 8063 लोग घायल।
- 9 जिलों में असर सबसे ज्यादा ।
- नेपाल में भूकंप से 60 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित।
- पहला झटका सुबह चार बजकर 10 मिनट पर आया।
-नेपाल में आज सुबह भूकंप के दो झटके आए।
-नेपाल में आज फिर आए भूकंप के झटके।
भूंकप प्रभावित नेपाल में भोजन, पानी, बिजली और दवाइयों की भारी कमी के कारण संकट मंडरा रहा है और दोबारा भूकंप आने की आशंका के कारण हजारों लोग खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं। नेपाल के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार को आए जबर्दस्त भूकंप के बाद अभी तक कम से कम 4,352 शवों को बरामद कर लिया गया है। भूकंप के कारण 8,063 व्यक्ति घायल हुए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि राजधानी काठमांडो और भूकंप से बेहद प्रभावित कुछ सुदूर पहाड़ी इलाकों में अभी भी सैकड़ों लोग भारी मलबों के नीचे दबे हुए हैं जिसके कारण मरने वालों की संख्या 5,000 के पार कर जाने की आशंका है। सरकार ने नौ जिलों को भूकंप से अत्यधिक प्रभावित इलाके घोषित किया है। हताहत हुए लोगों की संख्या के आधार पर सिंधुपलचौक, काठमांडो, नुवाकोट, धदिंग, भक्तपुर, गोरखा, कावरे, ललितपुर और रासुवा सर्वाधिक प्रभावित जिले घोषित किए गए हैं।सरकार ने कहा है कि कुल मिला कर 60 जिले भूकंप से प्रभावित हुए हैं।
भूकंप में मारे जाने वालों में 923 लोग काठमांडो, 240 लोग भक्तपुर और 157 लोग ललितपुर के हैं जबकि शेष लोग काठमांडो घाटी के बाहरी इलाके से हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने स्वीकार किया है कि बचाव, राहत और खोजबीन अभियान प्रभावी नहीं रहे हैं। उन्होंने राजनीतिक दलों से इस राष्ट्रीय आपदा के दौरान मिल कर काम करने का आह्वान किया है।
संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाष नेमबांग की अध्यक्षता में कल बुलाई गई सभी पार्टियों की बैठक में कोईराला ने कहा कि भूकंप के बाद का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण है। ‘माई रिपब्लिका’ ने कोईराला के हवाले से कहा है कि देशभर से सरकार को मदद के लिए अनुरोध किया जा रहा है। रसद और विशेषज्ञों की कमी के कारण कई स्थानों पर बचाव अभियान का विस्तार करना संभव नहीं हो सका।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार राहत वितरण और प्रभावित लोगों के पुनर्वास को लेकर गंभीर और संवदेनशील है। सरकार प्रभावित इलाकों में टेंट, पानी, दवाई, स्वास्थ्य कर्मियों और स्वयंसेवकों को भेजने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री ने लोगों से रक्तदान की भी अपील की। भूकंप में घरों और भवनों के जमींदोज हो जाने के कारण और इसके बाद लगातार आने वाले तेज झटकों के कारण लोग प्लास्टिक से बने तंबुओं में रहने के लिए मजबूर हैं। ये तंबू उन्हें शहर में हुई बारिश एवं ठंड से ही बमुश्किल बचा पा रहे हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)