Al-Khazneh Petra Jordan: जॉर्डन के प्राचीन शहर पेट्रा के खजाने वाली इमारत, अल-खज़नेह के नीचे छिपाई गई कब्र का पता चला है. उनके भीतर 12 कंकालों के अवशेष मिले हैं.
Trending Photos
World News in Hindi: दुनिया के नए सात अजूबों में से एक, पेट्रा (जॉर्डन) के नीचे एक कब्र मिली है. यह कब्र इस प्राचीन शहर और वर्ल्ड हेरिटेज साइट की ट्रेजरी बिल्डिंग, अल-खज़नेह के नीचे पाई गई है. इस चौंकाने वाली खोज में 12 कंकालों के अवशेष मिले हैं. पेट्रा अपने आप में एक पूरा बसा-बसाया शहर है जो रेगिस्तानी घाटी की दीवारों पर हाथ से तराशा गया है. इसे मूल रूप से निवासियों द्वारा 'राकेमो' के नाम से जाना जाता था.
पेट्रा को शायद 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में - नाबातियन - खानाबदोश अरब लोगों द्वारा बनाया गया था. लोग कम से कम 9,000 वर्षों से पेट्रा के आसपास के इलाके में रह रहे हैं. पेट्रा को 2007 में दुनिया के नए सात अजूबों में से एक घोषित किया गया था.
छिपी हुई कब्र का पता तब चला जब रिसर्चर्स सतह के नीचे क्या है, इसकी जांच कर रहे थे. उन्होंने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कंडक्टिविटी के साथ रिमोट सेंसिंग स्कैन और ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार का इस्तेमाल कर नीचे मौजूद संरचनाओं का पता लगाया. जब खजाने के नीचे कक्षों जैसी संरचनाएं पाई गईं, तो टीम को खुदाई की अनुमति मिल गई.
क्यों इतनी अहम है यह खोज?
रिसर्च टीम में शामिल रहे स्कॉटलैंड की सेंट एंड्र्यूज यूनिवर्सिटी में जियोफिजिसिस्ट रिचर्ड बेट्स कहते हैं कि 'यह खोज अंतरराष्ट्रीय महत्व की है, क्योंकि पेट्रा से शुरुआती नबातियनों के बहुत कम पूर्ण दफन अवशेष बरामद किए गए हैं. दफन अवशेष, उनके सामान और मानव अवशेष सभी से हमें इस बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलने की उम्मीद है कि पेट्रा कैसे बना और नबातियन कौन थे.'
यह भी पढ़ें: डायनासोर से पहले... सरीसृप का 23 करोड़ साल से भी पुराना जीवाश्म मिला, खुलेंगे कई राज
कक्ष में एक कंकाल एक चीनी मिट्टी के बर्तन को पकड़े हुए पाया गया. सेंट एंड्रयूज यूनिवर्सिटी के एक और भूविज्ञानी टिम किन्नेयर्ड ने कब्र और कब्र के घेरे के आसपास की तलछट का नमूना लिया और उसकी तारीख का पता लगाया. मकबरे के भीतर की दीवारें पहली शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य से दूसरी शताब्दी ईसवी की शुरुआत तक की बताई गई हैं.
किन्नेयर्ड के मुताबिक, 'यह मकबरा शायद पहली शताब्दी की शुरुआत में, नाबातियन साम्राज्य में एक मकबरे और तहखाने के रूप में बनाया गया था.' उन्होंने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि अब हमारे पास उस वक्त के बर्तन, तलछट और अन्य वस्तुएं हैं जो इमारते का निर्माण हुआ था.