India Canada relations: कनाडा की एक जांच रिपोर्ट में आरोप लगाए गए कि भारत प्रॉक्सी एजेंटों के माध्यम से तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को गुप्त रूप से वित्तीय मदद दे रहा था. रिपोर्ट के अनुसार भारत चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे सक्रिय देश था.
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Canadian commission report: कनाडा के मुखिया जस्टिन ट्रूडो भले ही राजनीतिक तौर पर मिट्टी में मिल गए हैं लेकिन वे अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं. इसी कड़ी में उनके एक पैंतरे पर भारत ने फिर लताड़ लगाई है. हुआ यह कि कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे एक आयोग ने भारत पर चुनावी दखल देने का आरोप लगाया जिसे भारत ने सख्ती से खारिज कर दिया. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार पहले भी भारत पर बेबुनियाद आरोप लगा चुकी है और अब इस नई रिपोर्ट के जरिए फिर से उकसाने की कोशिश हुई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को आधारहीन बताते हुए कनाडा को ही भारत के मामलों में बार-बार दखल देने वाला करार दिया है.
दरअसल, कनाडा की एक जांच रिपोर्ट में आरोप लगाए गए कि भारत प्रॉक्सी एजेंटों के माध्यम से तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को गुप्त रूप से वित्तीय मदद दे रहा था. रिपोर्ट के अनुसार भारत चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे सक्रिय देश था. हालांकि आयोग की चेयरपर्सन मैरी-जोसे होग ने यह भी स्वीकार किया कि कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिला कि कनाडाई सांसदों ने किसी विदेशी सरकार के साथ मिलकर साजिश रची थी. रिपोर्ट में पाकिस्तान पर भी 2019 के चुनावों से पहले लिबरल पार्टी को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है.
इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इसमें लगाए गए आरोप पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि हमने तथाकथित विदेशी हस्तक्षेप को लेकर एक रिपोर्ट देखी है, लेकिन असल में कनाडा ही लगातार भारत के मामलों में दखल दे रहा है. भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि कनाडा में अवैध प्रवास और संगठित अपराध को बढ़ावा देने वाले तंत्र को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
भारत-कनाडा के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण चल रहे हैं. खासतौर पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले के बाद. सितंबर 2023 में ट्रूडो ने भारतीय एजेंसियों पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था जिसे भारत ने पूरी तरह से खारिज कर दिया था. इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था. अब नई रिपोर्ट ने इस विवाद को और बढ़ा दिया है.
ट्रूडो सरकार पर पहले भी आरोप लगे हैं कि वह बिना ठोस सबूतों के भारत को निशाना बना रही है. एक्सपर्ट्स का साफ कहना है कि ट्रूडो की यह रणनीति घरेलू राजनीति में अपना आधार मजबूत करने की कोशिश हो सकती है. हालांकि भारत ने साफ कर दिया है कि वह ऐसे झूठे आरोपों को स्वीकार नहीं करेगा और कनाडा को अपने आंतरिक मामलों में दखल देने से बाज आना चाहिए. एजेंसी इनपुट