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दिल्ली विधानसभा चुनावों में अब तक बिना सेनापति के मैदान में दिख रही कांग्रेस पार्टी का जोश एक बार फिर हाई हो गया है. बीते तीन चुनावों से दिल्ली की सत्ता से दूर कांग्रेस पार्टी के प्रचार अभियान को बूस्टर डोज देते हुए राहुल गांधी ने नई जान फूंक दी है. सीलमपुर की जनसभा के बाद राहुल के कार्यक्रम लगातार टल रहे थे. कहा गया कि राहुल गांधी की तबियत ठीक नही है. लेकिन प्रचार के मैदान में लौटते ही राहुल सीधा पहुंचे वाल्मिकी मंदिर और राहुल गांधी ने मंदिर के बाद रैली को संबोधित भी किया.
किससे लड़ रहे राहुल गांधी?
लेकिन सवाल ये है कि आखिर राहुल गांधी जंग लडे तो किस किस से लडें क्योंकि एक तरफ इंडिया गठबंधन में उनके तमाम सहयोगी दल. अरविंद केजरीवाल के खेमे में शिफ्ट होते जा रहे हैं और दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी के ही कई बड़े नेता अपने बयानों के जरिए उनकी मुसीबत बढ़ा रहे हैं. कभी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान तो सोमवार को सैम पित्रोदा की एक बात ने पार्टी की परेशानी बढ़ा दी है. तो क्या राहुल गांधी अपनों और इंडिया गठबंधन वालों के सियासी चक्रव्यूह में फंस कर रह गए हैं?
दिल्ली में मुस्लिम मोहल्ले से अपनी चुनावी रैली की शुरुआत करने वाले राहुल गांधी, प्रचार के दूसरे पड़ाव में पहले वाल्मीकि मंदिर गए. और उसके बाद कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे. भाषण दिया. तालियां बजीं. फिर निकल गए .
केजरीवाल पर राहुल गांधी का प्रचंड सियासी वार
दिल्ली के दंगल में राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बीच जुबानी जंग छिड़ गई. दोनों नेताओं ने एक दूसरे की दुखती रग को दबाया. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल शराब घोटाले के सूत्रधार हैं और उनके महल की याद दिलाई. इसपर अरविंद केजरीवाल ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, 'मोदी जी तो शराब घोटाले जैसा फ़र्ज़ी केस बनाकर भी लोगों को जेल में डाल देते हैं. आप और आपका परिवार नेशनल हेराल्ड जैसे ओपन एंड शट केस में अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुए?
किससे-किससे लड़ रहे राहुल गांधी?
लेकिन राजनीतिक माहौल में आज राहुल की रैली से ज्यादा चर्चा उनके गुरु कहे जाने वाले सैम पित्रोदा के बयान की रही. जो उन्होंने सात समंदर पार बैठकर दिया. लेकिन उसका असर दिल्ली की सियासत में पड़ना तय माना जा रहा है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक इंटरव्यू में, राहुल गांधी के करीबी, पित्रोदा ने घुसपैठियों को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया. जिसमें वो भारत में अवैध प्रवासियों को बसाने की वकालत करते हुए दिख रहे हैं.
एक तरफ पूरे देश में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सरकार, एक्शन में जुटी है. वहीं सैम पित्रोदा के बयान ने कांग्रेस की मुश्किल बढा दी है.
बीजेपी नेतात प्रेम शुक्ला ने घेरा तो बैकफुट पर आई कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सफाई देते हुए कहा, 'सैम पित्रोदा ने हिंदुस्तान नहीं अमेरिका के अवैध इमिग्रेंट की बात कही है. क्या गुजरात से लेकर तमाम राज्यों के लोग जो अमेरिका में रह रहे हैं उनके पक्ष में बात करना ग़लत है. क्या बीजेपी को इससे प्रॉब्लम है. अगर है तो वो साफ़ करें?
इस चुनाव में बात सिर्फ सैम अंकल की नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो अमित शाह के संगम में डुबकी के बहाने महाकुंभ पर ही सवाल खड़े कर दिए, जिसे बीजेपी दो दिनों से सनातन का अपमान कहकर भुना रही है.
क्या बोले थे खरगे?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'आप बताइए अरे जब बच्चा भूखा मर रहा है बच्चा स्कूल में नहीं जा रहा है मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है जब ये है तो ये लोग जाकर हज़ारों रुपए खर्च करके कॉम्पटीशन पर डुबकियां मार रहे हैं. इसके बाद हरियाणा के मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अनिल विज ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लपेटते हुए कहा, '144 वर्षों के बाद संगम तीर्थ स्थान पर महाकुंभ लगा. इसमें डुबकी लगाने वालों पर तंज कसके हिंदू धर्म का अपमान किया है. मल्लिकार्जुन खड़गे जी को सारे हिंदू समाज से कान पड़कर माफी मांगनी चाहिए.'
साफ है कि इस तरह के बयानों से कांग्रेस को फायदा नहीं होना है. लेकिन कांग्रेस में सैम पित्रोदा जैसे लोगों के सेल्फ गोल वाले बयान, राहुल गांधी का सरदर्द बढ़ाने के लिए काफी है.