India Trade ties in middle east: भारत की खाड़ी देशों से कनेक्टिविटी और कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. बीते एक दशक में मिडिल ईस्ट के देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध बेहद मजबूत हुए हैं. इसकी गवाही देते हैं वो कारोबारी आंकड़े जिनका जिक्र विदेश मंत्री एस जयशंकर (Jaishankar) ने रायसीना मिडिल ईस्ट समिट में किया.
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Raisina Middle East: भारत की खाड़ी देशों से कनेक्टिविटी और कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. बीते एक दशक में मिडिल ईस्ट के देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध बेहद मजबूत हुए हैं. इसकी गवाही देते हैं वो कारोबारी आंकड़े जिनका जिक्र विदेश मंत्री एस जयशंकर (Jaishankar) ने रायसीना मिडिल ईस्ट समिट में किया. विदेश मंत्रालय के अधिकारिक दस्तावेजों के हवाले से जयशंकर ने बताया कि कैसे पिछले 10 सालों में खाड़ी देशों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंधों के लिए पीपल टू पीपल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर फोकस किया है.
खाड़ी देशों से 180 अरब डॉलर की डील
भारत के खाड़ी देशों के साथ मजबूत होते रिश्तों का हवाला देते हुए जयशंकर ने कहा, 'भारत इस क्षेत्र को दुनिया के लिये एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में देखता है. ‘रायसीना मिडिल ईस्ट’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि मध्य पूर्व क्षेत्र, जिसे भारत पश्चिम एशिया कहता है, भारत के रणनीतिक हितों के लिए महत्वपूर्ण है.
खाड़ी क्षेत्र में भारत का व्यापार लगभग 160 से 180 अरब अमेरिकी डॉलर है. जयशंकर ने कहा, ‘खाड़ी में हमारी उपस्थिति व्यापक और महत्वपूर्ण है. 90 लाख से अधिक भारतीय यहां रहते हैं और काम करते हैं. खाड़ी एमईएनए (मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका) क्षेत्र और भूमध्य सागर के लिए प्रवेश द्वार के रूप में भी काम करती है.’
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अफ्रीका तक नजर
जयशंकर ने ने कहा, ‘भूमध्यसागरीय क्षेत्र (Mediterranean region) के साथ हमारा वार्षिक व्यापार 80 अरब अमेरिकी डॉलर का है, और वहां पर प्रवासी भारतीय सदस्यों की संख्या करीब 5 लाख है. इस क्षेत्र में भारत की परियोजनाओं में हवाई अड्डे, बंदरगाह, रेलवे, फॉस्फेट, हरित हाइड्रोजन, इस्पात और पनडुब्बी केबल शामिल हैं. भारत और मध्य पूर्व के प्रयासों को अफ्रीका, यूरोप, काकेशस और मध्य एशिया में भी आगे बढ़ाया जा सकता है.'
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विदेश मंत्री ने कहा, ‘शायद ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें कनेक्टिविटी के अलावा इस तरह के बहुपक्षीय सहयोग के लिए अधिक मजबूत मामला हो...समुद्री सुरक्षा और संरक्षा एक और मुद्दा है, जहां वैश्विक कमी को दूर करने के लिए समझ और तंत्र की जरूरत है.’ जयशंकर ने कहा कि मध्य पूर्व एक विस्तारित पड़ोस है, जिसके साथ भारत पूरी तरह से जुड़ गया है, और नयी दिल्ली को इस क्षेत्र के साथ अपने जुड़ाव को और गहरा करने की जरूरत है. जयशंकर ने मंगलवार सुबह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार अनवर गरगाश से भी मुलाकात की तथा भारत और यूएई के बीच विशेष साझेदारी एवं इसकी आगे की प्रगति पर चर्चा की. (इनपुट: भाषा)