Himanta Biswa Sarma News: कांग्रेस प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे अपने बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं. बीजेपी खड़गे के बयान को लेकर कांग्रेस पर हमलावर है. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि खड़गे का बयान सनातन धर्म के खिलाफ गहरी चिंताजनक मानसिकता को दर्शाता है.
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Himanta Biswa Sarma On Mallikarjun Kharge: कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे के महाकुंभ में डुबकी लगा रहे श्रद्धालुओं पर दिए एक बयान को लेकर सियासत गरमा गई है. बीजेपी इस बयान को लेकर कांग्रेस पर हमलावर है. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि खड़गे का बयान सनातन धर्म के खिलाफ गहरी चिंताजनक मानसिकता को दर्शाता है. खड़गे ने एक रैली में कहा था, 'क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होगी.'
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, 'महाकुंभ पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान सनातन धर्म के खिलाफ गहरी चिंताजनक मानसिकता को दर्शाता है. मेरा मानना है कि यह राहुल गांधी की अगआई वाली कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक रुख है. लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं, 2001 में सोनिया गांधी ने खुद कुंभ के दौरान स्नान किया था. क्या वह यह कहने की हिम्मत करेंगे कि हज पर जाने से भूख और गरीबी जैसी समस्याएं हल नहीं होंगी?'
माननीय खड़गे जी की भाषा उनकी सनातन विरोधी मानसिकता का प्रमाण है। मैं यह भी जानता हूं कि वाणी भले ही खड़गे जी की हो, लेकिन सोच राहुल गांधी की है। शायद वे यह भूल गए हैं कि 2001 में सोनिया गांधी जी ने भी कुंभ में डुबकी लगाई थी।
क्या ये लोग कभी यह कहने की हिम्मत कर पाएंगे कि हज… https://t.co/fFv8jEDixJ
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 28, 2025
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस से जुड़े सभी हिंदू नेताओं के लिए यह वक्त है कि वे आत्मचिंतन करें और अपना रुख तय करें. सिर्फ सत्ता और पद के लिए अपने विश्वास, अपने धर्म या इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से समझौता न करें. कोई भी नेता, कोई भी विचारधारा और कोई भी पार्टी आपके धर्म और मान्यताओं से ऊपर नहीं होनी चाहिए. सियासी स्वार्थ के लिए इसके सार को कमतर न आंकें. अपनी अंतरात्मा की आवाज पर चलें.
खड़गे का बयान
दरअसल, महू की रैली में कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होती है क्या? क्या आपको पेट में खाना मिलता है?' हालांकि, उन्होंने जोर देते हुए कहा था कि वो किसी की आस्था को कोई ठेस नहीं पहुंचाना चाहते.
उन्होंने आगे कहा, 'अगर किसी को दुःख हुआ तो मैं माफ़ी चाहता हूं. लेकिन आप बताइए कि जब बच्चा भूखा मर रहा है, बच्चा स्कूल में नहीं जा रहा है, मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है. लेकिन, गंगा नदी में डुबकियां लगाई जा रही हैं. तब तक डुबकी लगाई जाती है जब तक टीवी पर अच्छा नहीं आ जाता, तब तक डुबकी मारते रहते हैं। ऐसे लोगों से देश की भलाई होने वाली नहीं है.'
हमारी आस्था भगवान में है: खरगे
उन्होंने कहा कि हमारी आस्था भगवान में है. हर एक को आजादी है. आप रोज पूजा करिए. घर में हर आदमी और हर महिला पूजा करके बाहर निकलती है. हमें कोई एतराज नहीं है. हमें एतराज है गरीबों के शोषण का, जो धर्म के नाम पर हो रहा है, उसके खिलाफ हमें लड़ना है.' (आईएएनएस इनपुट के साथ )