UCC: उन्हें जो करना है करने दीजिए.. उमर अब्दुल्ला को नहीं भाया उत्तराखंड में UCC, की संसद और कानून की बात
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UCC: उन्हें जो करना है करने दीजिए.. उमर अब्दुल्ला को नहीं भाया उत्तराखंड में UCC, की संसद और कानून की बात

UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है. उत्तराखंड ने सोमवार को इतिहास रचते हुए देश का पहला ऐसा राज्य बनने का गौरव हासिल किया जिसने यूसीसी को लागू किया.

UCC: उन्हें जो करना है करने दीजिए.. उमर अब्दुल्ला को नहीं भाया उत्तराखंड में UCC, की संसद और कानून की बात

UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है. उत्तराखंड ने सोमवार को इतिहास रचते हुए देश का पहला ऐसा राज्य बनने का गौरव हासिल किया जिसने यूसीसी को लागू किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक कदम का ऐलान करते हुए इसे देशभर के लिए प्रेरणादायक बताया. उन्होंने कहा कि यह निर्णय समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

मुख्यमंत्री धामी का बड़ा ऐलान

मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कर दी गई है. यह न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने आगे कहा कि 2022 में जनता से किए गए वादे को पूरा करते हुए हमने यह संहिता लागू की है. इससे प्रदेश में सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलेंगे. यह फैसला हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

लिव-इन रिलेशनशिप और महिलाओं की सुरक्षा पर जोर

धामी ने बताया कि समान नागरिक संहिता न केवल महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी बल्कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले युवक-युवतियों को भी कानूनी संरक्षण प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि यूसीसी लागू होने के बाद बहन-बेटियों के साथ अन्याय नहीं होगा. उन्होंने यह भी बताया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए यूसीसी पोर्टल को यूजर-फ्रेंडली बनाया गया है ताकि नागरिक आसानी से पंजीकरण कर सकें और प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकें.

संसद में कानून बने बिना लागू नहीं हो सकता यूसीसी

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि जब तक संसद में राष्ट्रीय स्तर पर कानून नहीं बनता तब तक इसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू नहीं किया जा सकता. उमर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड जो करना चाहता है, करे. लेकिन अंततः इसका फैसला संसद में होगा. तब तक इसे लागू करना व्यर्थ है.

अमित शाह का समर्थन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले भी कई बार समान नागरिक संहिता को लेकर अपने विचार स्पष्ट किए हैं. उन्होंने कहा था कि यह कानून जल्द ही देशभर में लागू किया जाएगा. समान नागरिक संहिता का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करना है, चाहे उनका धर्म, जाति या समुदाय कोई भी हो. इसके तहत विवाह, तलाक, संपत्ति, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मुद्दों पर एक समान कानून लागू होगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम देश को सामाजिक और कानूनी रूप से अधिक एकजुट बनाएगा. हालांकि इस पर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर मतभेद भी हैं.

यूसीसी लागू होने का भविष्य

उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य राज्य इस दिशा में क्या कदम उठाते हैं. साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर इसे लागू करने को लेकर सरकार की रणनीति क्या होगी.. यह भी महत्वपूर्ण रहेगा.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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