China India Border Dispute: एलएसी पर एक बार फिर चीन का दोहरा खेल बेनकाब हो गया है. भारत और चीन के बीच कई दौर की कूटनीतिक बातचीत और पिछले साल अक्टूबर में देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी के बावजूद सीमा पर ड्रैगन की चालबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही.
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China India Border Dispute: एलएसी पर एक बार फिर चीन का दोहरा खेल बेनकाब हो गया है. भारत और चीन के बीच कई दौर की कूटनीतिक बातचीत और पिछले साल अक्टूबर में देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी के बावजूद सीमा पर ड्रैगन की चालबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही. चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी सैन्य मौजूदगी और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की गतिविधियों में कोई कमी नहीं की है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक कई जगहों पर सैन्य निर्माण कर रही है. रक्षा सूत्र के हवाले से टीओआई की रिपोर्ट के मुतबाकि चीन की सेना LAC के कई इलाकों में बुनियादी ढांचे को तेजी से विकसित कर रही है. पूर्वी क्षेत्र में रोंगटो चू और अन्य घाटियों में यह गतिविधियां देखी जा रही हैं.
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन की चालबाजी
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यांग्त्से क्षेत्र में चीन लगातार अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. भारत इस इलाके में ऊंचाई वाले स्थानों पर काबिज है. जिससे उसे PLA की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलती है. चीन इसे संतुलित करने के लिए तेजी से नई सड़कें और सैन्य शिविर बना रहा है. PLA ने तंगवु गांव से LAC तक पक्की सड़क बना ली है और कुछ कच्चे रास्तों को भी अपग्रेड कर दिया है ताकि जरूरत पड़ने पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया जा सके.
भारत भी मजबूत कर रहा अपनी स्थिति
भारतीय सेना के अधिकारियों के अनुसार भारत भी LAC पर अपनी सैन्य और आधारभूत संरचना को मजबूत कर रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही अपनी उत्तरी सीमाओं पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं. अगर चीन किसी भी समझौते का उल्लंघन करता है.. तो हम इसे उचित स्तर पर उठाते हैं. सैटेलाइट इमेजरी के विश्लेषण के अनुसार चीन यांग्त्से में नई सड़कें बना रहा है, जिससे उसकी सेना को ऊंचाई वाले इलाकों में कनेक्टिविटी मिलेगी और भारतीय सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी.
हेलिपैड, पुल और तोपखाने की तैनाती
रक्षा सूत्रों के अनुसार चीन तवांग, नाकु ला (उत्तर सिक्किम) और अरुणाचल प्रदेश के कुछ अन्य क्षेत्रों में 'लास्ट-माइल कनेक्टिविटी' को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. यह वही क्षेत्र हैं जहां दिसंबर 2022 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. चीन ने LAC के तीनों सेक्टरों पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल) और पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल) में नई सड़कों, पुलों, हेलिपैड और तोपखाने की तैनाती बढ़ा दी है. PLA भारी हथियारों और सैनिकों के साथ अग्रिम मोर्चे पर तैनात है.
भारत की रणनीति
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में कहा कि भारत ने अपने सभी कोर कमांडरों को यह अधिकार दिया है कि वे गश्त और चरागाहों से जुड़े छोटे विवादों को समय रहते हल कर सकें ताकि वे बड़े मुद्दे न बनें. हालांकि चीन अब भी LAC पर तनाव को कम करने और सैनिकों को वापस बुलाने के लिए सहमत नहीं हुआ है. देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी के बावजूद PLA ने कई अन्य इलाकों में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है.