IDF Detention Centers: मिलिट्री पुलिस ने डिटेंशन सेंटर पर छापा मारकर 9 सैनिकों को हिरासत में लिया. इस कदम का दक्षिणपंथी राजनेताओं में आक्रोश फैल गया.
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Israel Army News: मिलिट्री पुलिस जांचकर्ताओं ने सोमवार को दक्षिणी इजरायल में एक हिरासत केंद्र पर छापा मारा. इस कार्रवाई का मकसद एक फिलिस्तीनी आतंकवादी बंदी के साथ गंभीर यौन दुर्व्यवहार करने के आरोपी सैनिकों को गिरफ्तार किया जा सके. मिलिट्री पुलिस के इस कदम से दक्षिणपंथी राजनेताओं में आक्रोश फैल गया.
द टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक इस छापेमारी की एक फुटेज में सेदे तेइमान मिलिट्री बेस पर सैनिकों और सैन्य पुलिस जांचकर्ताओं के बीच तीखी बहस को देखा जा सकता है.
9 आरोपियों को हिरासत में लिया गया
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा कि इजरायली मिलिट्री अधिकारियों ने संदिग्ध 'एक बंदी के साथ गंभीर दुर्व्यवहार' की घटना की जांच के तहत दस सैनिकों को हिरासत में लेने की कोशिश की जो कि गाजा पट्टी से गिरफ्तार आतंकवादियों की रखवाली कर रहे थे'.
आईडीएफ ने कहा कि बेस पर हुई बहस के बाद मिलिट्री पुलिस ने नौ संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. 10वें संदिग्ध को तुरंत हिरासत में नहीं लिया गया.
क्यों की जा रही है जांच?
आईडीएफ ने कहा कि मिलिट्री एडवोकेट जनरल, मेजर जनरल यिफात तोमर-येरुशालमी के आदेश के अनुसार मिलिट्री पुलिस ने संदिग्ध गंभीर दुर्व्यवहार की जांच शुरू की.
यह जांच तब शुरू की गई जब हिरासत में लिए गए एक संदिग्ध आतंकवादी को बेस से अस्पताल लाया गया, जहां उसके गुदा सहित अन्य स्थानों पर गंभीर दुर्व्यवहार के निशान थे.
सरकार के भीतर उठी विरोध की आवाजें
सेना पर कोई अधिकार न होने के बावजूद, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्वीर और उनकी दक्षिणपंथी ओत्ज़मा यहूदी पार्टी के अन्य सदस्यों इस कार्वराई का विरोध किया. उन्होंने घोषणा की कि वे सैनिकों की हिरासत का विरोध करने के लिए दक्षिणी इजरायल स्थित फैसिलिटी की ओर जा रहे हैं.
मंत्री बेन ग्वीर, ने कहा, 'सैन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा हमारे सर्वश्रेष्ठ नायकों को सेदे तेइमान में गिरफ्तार करने का तमाशा शर्मनाक से कम नहीं है.' बता दें उनका मंत्रालय इजरायल पुलिस और इजरायल जेल सेवा (IPS) को नियंत्रित करता है.
बाद में दक्षिणपंथी राजनेताओं ने समर्थकों से अपील की कि कि वे हिरासत केंद्र में आएं और अपना विरोध दर्ज कराएं. अति-राष्ट्रवादी धार्मिक जायोनी पार्टी के एमके जवी सुकोट सहित कई दक्षिणपंथी सांसदों और कार्यकर्ताओं ने अपने गुस्से भरे विरोध के बीच बेस में घुसकर तोड़फोड़ की.
बेस पर फिल्माए गए एक वीडियो में, सुकोट ने घोषणा की कि 'हम सैनिकों की जांच तब तक नहीं कर सकते जब तक हम उन लोगों की जांच नहीं करते जो 7 अक्टूबर को रोकने में विफल रहे.' मेगाफोन उठाते हुए, उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा: "हमारे पास कोई अन्य सेना नहीं है, यह एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन है, चलो बाहर जाएं.'
वित्त मंत्री बेज़ेलेल स्मोट्रिच ने सैनिकों की गिरफ़्तारी के खिलाफ एक वीडियो संदेश में कहा कि 'आईडीएफ सैनिक सम्मान के हकदार हैं' और उनके साथ 'अपराधियों' जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. स्मोट्रिच ने टोमर-येरुशालमी से 'हमारे वीर योद्धाओं से अपने हाथ हटाने' का आह्वान किया.
कौन है पीड़ित बंदी?
कथित तौर पर दुर्व्यवहार का शिकार होने वाले फिलिस्तीनी बंदी को कई सप्ताह पहले गाजा पट्टी में आईडीएफ ने गिरफ्तार किया था.
एक आर्मी रेडियो रिपोर्ट के अनुसार, दुर्व्यवहार की घटना लगभग तीन सप्ताह पहले सेदे तेइमान में हुई थी और पीड़ित को सैन्य बेस पर गंभीर हालत में पाया गया था. उसे उपचार और सर्जरी के लिए अस्पताल ले जाया गया था. अब उसकी हालत जानलेवा नहीं है.
सेदे तेइमान को बंद करने की अदालत से अपील
इजरायल में नागरिक अधिकारों के संघ (ACRI) की ओर से हाई कोर्ट में दायर याचिका में राज्य को सेदे तेइमान को बंद करने की अपील की गई. उनका तर्क है कि हाल के महीनों में इस केंद्र में दुर्व्यवहार की रिपोर्टें सामने आई हैं. इनमें कैदियों के साथ व्यापक दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया है, जिसमें शारीरिक प्रतिबंधों का अत्यधिक उपयोग, मारपीट, चिकित्सा समस्याओं की उपेक्षा, मनमाना दंड और बहुत कुछ शामिल है.