Luna-25 Update: रूस के मिशन मून (Mission Moon) लूना-25 (Luna-25) में बाधा आ गई है. रूसी स्पेस एजेंसी इसका विश्लेषण कर रही है. दूसरी तरफ भारत का चंद्रयान-3 चांद के 25 किलोमीटर दूर तक पहुंच चुका है.
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Luna-25 Faces Glitch: हिंदुस्तान का चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चांद पर तिरंगा फहराने और इतिहास रचने से महज चंद कदम ही दूर है लेकिन इन सब के बीच रूस (Russia) के मिशन मून (Mission Moon) में एक बाधा आ गई है. चांद तक पहुंचने से पहले ही रूस के लूना-25 (Luna-25) स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई है. दरसअल, ऑर्बिट बदलने के दौरान इसमें इमरजेंसी की स्थिति बनी इससे ठीक ढंग से ऑर्बिट चेंज नहीं हो सकी. रूसी स्पेस एजेंसी की मैनेजमेंट टीम स्थिति का एनालिसिस कर रही है.
लूना-25 चांद पर कब करेगा लैंड?
बता दें कि रूस के लूना-25 को 21 अगस्त को चांद पर लैंड करना है. ऐसे में रूस के मिशन मून को झटका लग सकता है. हालांकि रूसी स्पेस एजेंसी ने तकनीकी खराबी के बारे में ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की है. अब देखना ये होगा कि रूस का मून मिशन कामयाब होगा या नहीं लेकिन हमारा चंद्रयान-3 एक के बाद एक सफलता की सीढ़ियां चढ़ता जा रहा है. ऐसे में विक्रम का विजय होना तय है.
चंद्रयान-3 ने पार किया अहम पड़ाव
दूसरी तरफ, चांद पर भारत के चंद्रयान-3 की लैंडिंग के अब सिर्फ 3 दिन रह गए हैं. बीती रात 1 बजकर 50 मिनट पर चंद्रयान-3 ने एक अन्य अहम पड़ाव को पार किया. चंद्रयान-3 चांद से अब सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है. रूस के मिशन मून को झटका जरूर लगा है लेकिन हिंदुस्तान का चंद्रयान-3 हर चुनौती को पार करके लगातार कामयाबी की सीढ़ियों पर चढ़ रहा है और अपनी मंजिल चांद की ओर बढ़ रहा है.
कहां तक पहुंचा चंद्रयान-3?
गौरतलब है कि विक्रम लैंडर की डी-बूस्टिंग की गई है. इसका मतलब है कि चंद्रयान-3 की स्पीड और स्लो करने में कामयाबी मिली है. दूसरी तरफ आखिरी डीबूस्टिंग ऑपरेशन ने एलएम ऑर्बिट को 25 किमी x 134 किमी तक कम कर दिया है. फिलहाल मॉड्यूल को इंटरनल जांच से गुजरना पड़ेगा और लैंडिंग प्लेस पर सूर्योदय का इंतजार करना पड़ेगा. जान लें कि 23 अगस्त की शाम को चंद्रयान चांद पर लैंड कर सकता है.