Iran Drones: ईरान लंबे समय से रूस को हथियार भेजने के अंतरराष्ट्रीय आरोपों का सामना कर रहा है. यूक्रेन का दावा है कि लगभग 400 ईरानी ड्रोन पहले ही उसकी नागरिक आबादी के खिलाफ इस्तेमाल किए जा चुके हैं.
Trending Photos
Iran News: ईरान ने पहली बार स्वीकार किया है कि उसने रूस को ड्रोन दिए हैं. हालांकि, इस्लामिक रिपब्लिक ने जोर देकर कहा है कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने से पहले ड्रोन की आपूर्ति की गई थी. ईरान लंबे समय से रूस को हथियार भेजने के अंतरराष्ट्रीय आरोपों का सामना कर रहा है.
ईरान सरकार की आधिकारिक समाचार एजेंसी IRNA के हवाले से विदेश मंत्री विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दोल्लाहियां ने कहा, ‘हमने यूक्रेन युद्ध से कुछ महीने पहले रूस को सीमित संख्या में ड्रोन की आपूर्ति की थी.’ बता दें ईरान बार-बार यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल के लिए रूस को हथियारों की आपूर्ति करने के आरोपों से इनकार करता रहा है.
‘पिछले हफ्ते यूक्रेन के विदेश मंत्री से बात हुई’
अमीर अब्दोल्लाहियां ने कहा, ‘पिछले हफ्ते यूक्रेन के विदेश मंत्री के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में, हम इस बात पर सहमत हुए कि अगर (मास्को द्वारा ईरानी ड्रोन के इस्तेमाल के) सबूत हैं, तो वह हमें मुहैया कराएंगे.‘
तेहरान में एक बैठक के इतर ईरान के शीर्ष राजनयिक ने कहा, "हम यूक्रेन के विदेश मंत्री से सहमत हैं कि अगर उनके पास यूक्रेन में ईरानी ड्रोन के रूस द्वारा उपयोग पर कोई दस्तावेज है, तो उन्हें हमें प्रदान करना चाहिए." उन्होंने कहा, "अगर यूक्रेनी पक्ष अपना वादा पूरा करता है, तो हम आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं और हम उनके सबूतों को ध्यान में रखेंगे."
मिसाइलों की आपूर्ति से किया इनकार
हालांकि, ईरानी मंत्री ने फिर से इनकार करने किया कि उनके देश ने रूस को मिसाइलों की आपूर्ति की थी. उन्होंने इन आरोपों को ‘पूरी तरह से झूठा’ बताया. वाशिंगटन पोस्ट ने 16 अक्टूबर को बताया कि ईरान रूस को मिसाइल भेजने की तैयारी कर रहा है. यूक्रेन का दावा है कि लगभग 400 ईरानी ड्रोन पहले ही उसकी नागरिक आबादी के खिलाफ इस्तेमाल किए जा चुके हैं. कीव ने यह भी कहा है कि रूस ने करीब 2000 ऐसे ड्रोन का ऑर्डर दिया है.
यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम ने तीन ईरानी जनरलों और एक हथियार फर्म पर रूस को ड्रोन की आपूर्ति करने का आरोप लगाया है. सितंबर में, कीव ने देश में कथित हथियारों की शिपमेंट्स के कारण तेहरान के साथ राजनयिक संबंधों को काफी कम करने का फैसला किया.
(ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर)