Bangladesh Violence: सजीब वाजेद ने अमेरिका और चीन को भी तख्तापलट के लिए जिम्मेदार ठहराया. सजीब वाजेद ने कहा कि उनकी मां शेख हसीना अमेरिका और चीन दोनों को नहीं पसंद थी. पूरे प्लान के तहत वहां आंदोलन की ज्वाला भड़काई गई.
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Sheikh Hasina Son Sajeeb Wazed: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन होते ही शेख हसीना के बेटे ने बड़ा खुलासा किया है. शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के इशारे पर बांग्लादेश में तख्तापलट किया गया है. जी मीडिया से बातचीत करते हुए शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर कई गंभीर आरोप लगाए. सजीब वाजेद ने कहा कि बांग्लादेश में दंगा भड़काने और तख्तापलट कराने के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ है.
असल में उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि बाहरी उग्रवादी ताकतें इस प्रदर्शन के पीछे काम कर रही थीं. मुझे शक है कि इसके पीछे ISI है. सजीब वाजेद ने कहा कि ये आंदोलन इसलिए नहीं भड़का क्योंकि सरकार ने कोई काम नहीं किया, बल्कि पाकिस्तान और ISI के उकसावे पर ही वहां सरकार विरोधी चिंगारी भड़की और उनकी मां शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. सजीब वाजेद ने कहा कि बांग्लादेश में जल्द चुनाव होने चाहिए, अगर चुनाव नहीं हुए तो बांग्लादेश भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तरह बन जाएगा.
सजीब वाजेद ने अमेरिका और चीन को भी तख्तापलट के लिए जिम्मेदार ठहराया. सजीब वाजेद ने कहा कि उनकी मां शेख हसीना अमेरिका और चीन दोनों को नहीं पसंद थी. और इसीलिए अमेरिका, चीन और पाकिस्तान ने मिलकर बांग्लादेश में लोकतंत्र को कुचलने की साजिश रची और पूरे प्लान के तहत वहां आंदोलन की ज्वाला भड़काई.
दरअसल, हसीना सरकार को हाल ही में
- अमेरिका ने प्रतिबंध झेलने की धमकी दी थी. जिसके बाद शेख हसीना सरकार और अमेरिका के रिश्ते खराब हो गए थे
- लेकिन भारत ने शेख हसीना को राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.
- हसीना को भारत ने जी-20 सम्मेलन में विशेष मेहमान के तौर पर बुलाया था
- और नई दिल्ली में शेख हसीना और बाइडेन के बीच मुलाकात हुई थी
लेकिन शेख हसीना सरकार और अमेरिका के बीच ये तल्खी कम तो हुई लेकिन पूरी तरह से दूर नहीं हो सकी इसीलिए तख्तापलट के पीछे अमेरिका को शक की निगाह से देखा जा रहा है...वहीं चीन पर भी शक की सुई है क्योंकि चीन कभी नहीं चाहेगा कि बांग्लादेश कट्टरपंथ को छोड़कर तरक्की के रास्ते आगे बढ़े. इसके अलावा चीन शेख हसीना सरकार और भारत के मजबूत रिश्तों से भी परेशान था.