Boris Johnson Announcement Today: 58 साल के जॉनसन इस मामले में एक संसदीय समिति की जांच का सामना कर रहे हैं. उन्होंने विशेषाधिकार समिति की इस जांच की तुलना कंगारू अदालत से की.
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Why Boris Johnson Resigned: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को संसद की सदस्यता से अचानक इस्तीफा दे दिया और दावा किया कि उन्हें साजिश का शिकार बनाया जा रहा है.उन्होंने एक संसदीय समिति के उस बयान के बाद यह कदम उठाया कि जॉनसन ने अपने पीएम कार्यकाल में कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन का उल्लंघन कर 10 डाउनिंग स्ट्रीट यानी प्रधानमंत्री आवास में पार्टियां आयोजित करने के मुद्दे पर संसद को गुमराह करने के मामले में प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
जांच का सामना कर रहे पूर्व पीएम
58 साल के जॉनसन इस मामले में एक संसदीय समिति की जांच का सामना कर रहे हैं. उन्होंने विशेषाधिकार समिति की इस जांच की तुलना कंगारू अदालत (कानून या सिद्धांतों की अवहेलना कर सीधा फरमान सुनाना) से की. सांसद पद से इस्तीफा देने का जॉनसन का फैसला शुक्रवार को तब आया, जब उन्हें संसद की विशेषाधिकार समिति से इस अहम मामले में एक गोपनीय खत मिला.
कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व नेता ने कहा कि समिति की रिपोर्ट पाकर वह हैरान हैं. समिति इस बात का पता लगा रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान 10 डाउनिंग स्ट्रीट में लॉकडाउन से जुड़े नियम तोड़कर जिन पार्टियों का आयोजन किया, क्या उन्हें लेकर उन्होंने निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स को गुमराह किया.इस मामले को पार्टीगेट के नाम से जाना जाता है. जॉनसन ने संसदीय समिति की इस जांच को उन्हें संसद से बाहर निकालने का प्रयास करार दिया.
उन्होंने एक बयान में कहा, समिति ने इस मामले में अब तक एक भी सबूत पेश नहीं किया है कि मैंने जानबूझकर या लापरवाही से हाउस ऑफ कॉमन्स को गुमराह किया. इससे पहले, शुक्रवार को उन्हें जांच समिति की रिपोर्ट की एक प्रति मिली, जो अभी पब्लिश नहीं की गई है. पिछले साल मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने जॉनसन और तत्कालीन वित्त मंत्री ऋषि सुनक (अब पीएम) को कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट में पार्टी के आयोजन को लेकर जुर्माना लगाया था, जिससे जॉनसन प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए कानून तोड़ने के दोषी माने गए पहले प्रधानमंत्री बन गए थे.
संसद को गुमराह करने की बात स्वीकारी
मार्च में विशेषाधिकार समिति को सौंपे गए सबूत में जॉनसन ने संसद को गुमराह करने की बात स्वीकार की थी, लेकिन उन्होंने जानबूझकर ऐसा करने से इनकार किया था. पूर्व पीएम ने माना था कि पार्टी में जुटी भीड़ ने सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन नहीं किया था. उन्होंने कहा कि पार्टी का आयोजन जरूरी कार्यक्रम के तहत हुआ था और दावा किया कि इसके लिए पहले से इजाजत ली गई थी. जॉनसन ने जोर देकर कहा कि उन्होंने अपने विवेक के अनुसार हमेशा दिशा-निर्देशों का पालन किया है.
पूर्व पीएम ने सांसद पद छोड़ने की घोषणा करते हुए एक लंबा और विस्फोटक बयान जारी किया. बयान में पूर्व प्रधानमंत्री ने खुद को साजिश का शिकार बताया और कहा कि यह सब ब्रेक्जिट (यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने) की वजह से बदला लेने और 2016 के जनमत संग्रह को पलटने के लिए किया जा रहा है.
क्या बोले जॉनसन?
जॉनसन ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की अगुआई वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले साल जब उन्होंने पद छोड़ा था तब सरकार चुनावों में केवल कुछ ही नंबर पीछे थी लेकिन अब यह फासला काफी बड़ा हो गया है. पार्टीगेट पर उन्होंने कहा, मैंने झूठ नहीं बोला और मुझे विश्वास है कि समिति यह बात जानती है.
उन्होंने कहा, समिति अच्छी तरह से जानती है कि जब मैंने हाउस ऑफ कॉमन्स में बात की थी, तो मैं वही कह रहा था, जिसे मैं ईमानदारी से सच मानता था और जो मुझे किसी भी अन्य मंत्री की तरह कहने के लिए कहा गया था. जॉनसन ने दावा किया कि समिति की रिपोर्ट गलतियों और पूर्वाग्रहों से भरी हुई है.
(इनपुट-PTI)