डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर 600 लोगों की गई नौकरी! USAID ने कर्मचारियों को मुख्यालय न आने का दिया निर्देश
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डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर 600 लोगों की गई नौकरी! USAID ने कर्मचारियों को मुख्यालय न आने का दिया निर्देश

USAID News: एलन मस्क की एजेंसी यूएसएआईडी के नोटिस में कर्मचारियों को सोमवार को एजेंसी मुख्यालय न जाने का निर्देश दिया गया है. इससे पहले टेस्ला के सीईओ ने कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने USAID को बंद करने के लिए सहमति जताई है.

 

डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर 600 लोगों की गई नौकरी! USAID ने कर्मचारियों को मुख्यालय न आने का दिया निर्देश

America News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) बंद होने के कगार पर है. मस्क ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के साथ USAID के बारे में विस्तार से बात की है. राष्ट्रपति ने ट्रंप ने सहमति जताई कि इसे बंद कर देना चाहिए. USAID ने अब नोटिस जारी कर अपने कर्मचारियों को सोमवार को एजेंसी हेडक्वार्टर नहीं जाने का निर्देश दिया है.

मस्क ने कहा, ‘ट्रंप ने सहमति जताई कि हमें इसे बंद कर देना चाहिए.’ मस्क ने यह भी साफ किया कि इस एजेंसी की कार्यप्रणाली को ठीक नहीं किया जा सकता. USAID के कर्मचारियों ने बताया कि एजेंसी के 600 से ज्यादा कर्मचारी अपने कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं कर पाए, क्योंकि उन्हें लॉक कर दिया गया था. कई कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान थे एक ईमेल मिला, जिसमें कहा गया था कि एजेंसी का हेडक्वार्टर सोमवार तीन फरवरी को कर्मचारियों के लिए बंद रहेगा. 

इससे छुटकारा पाना होगा: मस्क
उन्होंने आगे कहा, ‘इससे छुटकारा पाना होगा. हम इसे बंद कर रहे हैं.’ उनकी यह टिप्पणी प्रशासन द्वारा यूएसएआईडी के दो शीर्ष सुरक्षा प्रमुखों को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद आई थी. 

USAID का क्या है काम
अमेरिकी इंटरनेशनल एजेंसी (USAID) का यूएस सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है, जो नागरिक विदेशी सहायता और विकास सहायता के प्रशासन पर नजर रखती है.  इसकी स्थापना साल 1961 में तत्कालीन प्रेसिडेंट जॉन एफ कैनेडी ने की थी.  इस संस्था का मिशन ग्लोबल हेल्थ, आर्थिक विकास, आपदा और लोकतांत्रिक सुधार के मुद्दे पर काम करना है. USAID मौजूदा वक्त में फिलहाल 100 से ज्यादा देशों में काम कर रही है, जो अरबों डॉलर की मानवीय, विकास और सुरक्षा सहायता मुहैया करती है.

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