चाहे कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ करानी हो या कोई आतंकी वारदात को अंजाम देना हो, पाकिस्तान के पास ना तो इरादों की कमी है और ना ही पैसों की. लेकिन अपनी गरीब जनता को दो वक्त की रोटी खिलाने में पाकिस्तान सरकार के पसीने छूट रहे हैं. लगातार बढ़ती महंगाई अपनी लिमिट क्रॉस कर चुकी है और पाकिस्तानी जनता के पास इसे सहन करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है.