नई दिल्लीः Rudraksha Benefits हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को पवित्र माना गया है. रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिव से होने के कारण यह हमारी आस्था और विश्वास का प्रतीक भी है. रुद्राक्ष धारण करने से जहां भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सारे संकटों से रक्षा होती है, वहीं अल्टरनेटिव थेरेपी में भी इन दिनों रुद्राक्ष थेरेपी बहुत लोकप्रिय हो रही है. इसकी वजह इसका तीव्र असरकारक होना है. शरीर की ऐसी कोई बीमारी नहीं, जिसका उपचार रुद्राक्ष के जरिए ना किया जा सके.
प्राचीन ग्रंथों में परेशानियों का उपाय है रुद्राक्ष
दुनिया में लगभग 90 प्रतिशत लोग खराब जीवनशैली के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से परेशान हैं. भागदौड़ भरी जिंदगी में हाइपरटेंशन, दिल और मानसिक रोगों का सामना करना पड़ रहा है. इन समस्याओं की एक ही वजह है, हमारे मन, आत्मा और शरीर के बीच असंतुलन. प्राचीन ग्रंथों में इस असुंतलन को दूर करने का एक ही उपाय बताया गया है वो है रुद्राक्ष.
मन और शरीर पर अच्छा प्रभाव डालता है रुद्राक्ष
रुद्राक्ष पहनना प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके महान उपचार और वैज्ञानिक गुणों के कारण यह न केवल बड़े से बड़ा रोग ठीक कर सकता है, बल्कि हमारे मन और शरीर पर भी अच्छा प्रभाव डालता है.
जानिए रुद्राक्ष के फायदे
इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फ्लोरिडा के वैज्ञानिकों के अनुसार, रुद्राक्ष मास्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद है. इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पावर होती है, जिसके चलते यह हमारे शरीर पर जादुई रूप से काम करता है. रुद्राक्ष के कई फायदों से आप परिचित होंगे, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर यह आपके स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है, बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्यः
एक मुखी रुद्राक्ष
यह अत्यंत दुर्लभ होता है. यह बहुत कम पाया जाता है और इसकी कीमत भी अधिक होती है. इसीलिए कई लोग नकली एक मुखी रुद्राक्ष बनाकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं. एक मुखी रुद्राक्ष खरीदते समय असली-नकली का पता लगाने के बाद ही खरीदें. एक मुखी रुद्राक्ष मुख्यतः हृदय संबंधी रोगों पर असर करता है. यह शरीर में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से करने की व्यवस्था करता है.
दो मुखी रुद्राक्ष
दो मुखी रुद्राक्ष का संबंध पेट के रोगों से है. गैस प्रॉब्लम, एसिडिटी में दोमुखी रुद्राक्ष असरकारक है. साथ ही यह तनाव और अवसाद दूर करने में चमत्कारिक रूप से असर करता है. हिस्टीरिया की बीमारी को कंट्रोल करने में भी यह रुद्राक्ष प्रभावी है.
तीन मुखी रुद्राक्ष
जिन बच्चों को बार-बार बुखार आता हो उन्हें तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है. लिवर और गाल ब्लेडर की समस्या, तनाव-अवसाद दूर करने में भी तीन मुखी रुद्राक्ष असरकारक है. इस रुद्राक्ष से ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है.
चार मुखी रुद्राक्ष
चार मुखी रुद्राक्ष किडनी की समस्या वालों को जरूर धारण करना चाहिए. थायराइड, मस्तिष्क से संबंधित रोग, मानसिक बीमारी, मनोरोग, कमजोर याददाश्त और हकलाकर बोलने जैसी समस्याओं में चार मुखी रुद्राक्ष काफी फायदा पहुंचाता है.
पांच मुखी रुद्राक्ष
लिवर और गाल ब्लेडर की बड़ी समस्याओं के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करवाया जाता है. यह ब्लड प्रेशर को भी बहुत अच्छे तरीके से कंट्रोल करता है.
छह मुखी रुद्राक्ष
गला, गर्दन, किडनी, यौन रोग, जलोदर, यूरिन इंफेक्शन, आंखों की समस्या और अपच की समस्या में छह मुखी रुद्राक्ष असरकारक है.
सात मुखी रुद्राक्ष धारण
तनाव और अवसाद हो तो सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. खासकर प्रोफेशनल और वे युवा जो कॉरपोरेट जगत में अपना नाम करना चाहते हैं, लेकिन अत्यधिक तनाव और प्रेशर में काम करने के कारण अपना आउटपुट नहीं दे पाते तो उन्हें सात मुखी रुद्राक्ष से काफी लाभ होता है.
आठ मुखी रुद्राक्ष
अनिद्रा की समस्या होना, देर रात तक नींद न आती हो, मन में घबराहट हो और नींद की कमी के कारण अन्य समस्या होने लगे तो ऐसे लोगों को आठ मुखी रुद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है.
नौ मुखी रुद्राक्ष
शरीर में दर्द रहता हो. जोड़ों में अक्सर दर्द होता हो. पीठ में, कमर में लगातार दर्द बना हुआ है तो नौ मुखी रुद्राक्ष दर्द निवारक का काम करता है. इससे पहनने से और इसका पानी पीने से दर्द में आराम मिलता है.
दस मुखी रुद्राक्ष
वैसे तो सभी तरह के रुद्राक्ष की तासीर गर्म होती है, लेकिन दस मुखी रूद्राक्ष में कुछ ज्यादा ही गर्माहट होती है. इसलिए इसे उन लोगों को धारण करने को कहा जाता है जो लंबे समय से सर्दी-खांसी से परेशान हैं.
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
शरीर दर्द, पीठ दर्द के अलावा प्री मैच्योर डिलिवरी से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. अत्यधिक शराब पीने की लत छुड़ाने के लिए भी ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया जाता है.
बारह मुखी रुद्राक्ष
हृदय और रक्त संबंधी रोगों के उपचार में बारह मुखी रुद्राक्ष काफी कारगर है. सूखा रोग और ऑस्टियोपोरोसिस के रोगियों को भी बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.
तेरह मुखी रुद्राक्ष
मांसपेशियों से संबंधित कोई रोग हो तो तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.
चौदह मुखी रुद्राक्ष
तनाव और अवसाद दूर करने के लिए चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. इससे अनिद्रा की समस्या भी दूर होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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