नई दिल्ली. Rudraksha Wearing Rules हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को विशेष महत्व दिया जाता है. रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिव से है. माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के अश्रु से बना है. रुद्राक्ष 21 से अधिक प्रकार के होते हैं और प्रत्येक का एक अलग महत्व होता है. रुद्राक्ष ऊर्जा से भरा एक शक्तिशाली आभूषण है, कमजोर दिल वाले लोग इसे नहीं पहनना चाहिए. रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह अवश्य लेनी चाहिए.
राशि के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से इसका प्रभाव बढ़ जाता है. यह आपके जीवन पर लाभकारी ग्रहों के प्रभाव को कई गुना तक बढ़ा देता है. इसे पहनने से सकारात्मकता बढ़ती है और क्रोध कम होता है. रुद्राक्ष पहनने से पहले और पहनने के बाद कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो फायदे की जगह आपको नुकसान झेलना पड़ेगा.
रुद्राक्ष पहनने से पहले करें ये उपाय
- रुद्राक्ष अपने पैसे से खरीदकर पहनना चाहिए.
- रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसे अनुभवी ज्योतिषी से सक्रिय करा लें.
- अगर रुद्राक्ष सक्रिय नहीं है तो उसे पहनने का कोई फायदा नहीं है.
- किसी शुभ दिन पर आपको पूजा करवाकर रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए.
इन बातों का रखें ध्यान
- अंतिम संस्कार आदि जैसे संवेदनशील आयोजनों पर इसे पहनने से बचें.
- रुद्राक्ष को गंदे हाथों से न छुएं.
- सोते समय रुद्राक्ष उतार दें.
- रुद्राक्ष पहनने के बाद नॉनवेज खाने से बचें.
- नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करना न भूलें.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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