Jyotish Upay: नजर दोष के कारण खराब रहती है तबियत, इस उपाय से तुरंत मिलेगा समाधान

जिस बच्चे का ओरा कमजोर होता है, उसे नजर दोष जल्दी लग जाता है. नजर दोष का मतलब होता कि कि कोई निगेटिव एनर्जी ने उस बच्चे को बांध दिया, उस बच्चे पर अपना प्रभाव डाल दिया.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 25, 2022, 08:37 AM IST
  • इस दोष वाले जातकों की नहीं हो पाती है शादी
  • इस उपाय से खत्म हो जाता है नजर दोष
Jyotish Upay: नजर दोष के कारण खराब रहती है तबियत, इस उपाय से तुरंत मिलेगा समाधान

नई दिल्ली: जिस बच्चे का ओरा कमजोर होता है, उसे नजर दोष जल्दी लग जाता है. नजर दोष का मतलब होता कि कि कोई निगेटिव एनर्जी ने उस बच्चे को बांध दिया, उस बच्चे पर अपना प्रभाव डाल दिया. इस जगत में मात्र तीन ऐसे देवी देवता है जिनके प्रभाव से नकारात्मक उर्जा खत्म हो जाती है. 

इस उपाय से खत्म हो जाता है नजर दोष

महादेव, हनुमान जी और माता काली का अशीर्वाद जिसके उपर रहेगा, उसपर नजर दोष का प्रभाव नहीं पड़ता है. इन तीनों में किसी एक देवी देवता के पास जाकर उनकी प्रतिमा के तीन फीट डायमेटर के अंदर में अपने बच्चे को नहा धोकर बैठा दीजिए. 

लगातार 21 दिन यह प्रक्रिया दोहरायें. देखिए निगेटिव एनर्जी का प्रभाव कम होने में समय लगता है. इसलिए थोड़ा धैर्य रखे. आपके बच्चे पर से निगेटिव एनर्जी पूरी तरह खत्म हो जायेगा.  

इस दोष वाले जातकों की नहीं हो पाती है शादी

अगर किसी जातक की हथेली में कनिष्ठा अंगुली से एक सीधी रेखा गुजरकर उपर ओर मुड़ जाती है ऐसे जातक की शादी नहीं हो पाती है. ज्यादातर ऐसे जातक कुंवारे रह जाते हैं. अगर शादी हो भी गई तो तीन-चार के अंदर शादी टूट जायेगी. ऐसे जातक दोबारा भी शादी कर लेते हैं, उसके बावजूद उनके में दाम्पत्य सुख नहीं मिल पाता है.

मंत्रो की सिद्धि के लिए अपनाएं ये विधियां

मंत्रों का उपयोग दो जगहों पर होता हैं. एक धर्म क्रिया के लिए और दूसरा तंत्र क्रिया के लिए. तंत्र क्रिया से जुड़े मंत्रों की सिद्धि के लिए कई विधियां अपनायी जाती है. इसके लिए समय, स्थान, पहर, सामग्रियां, इन सभी की जरूरत पड़ती है. लेकिन एक सामान्य मंत्र की सिद्धि के लिए एक अमावस्या से शुरू करके प्रतिदिन तीसरे अमावस्या तक दो घंटा संबंधित मंत्र का उच्चारण करते हैं, तो वह मंत्र सिद्ध हो जाता है. 

जीवन का हर पहलू मंत्र से जुड़ा है. आज भी कई जगहों पर सांप कांटने पर, बिच्छा काटने पर एवं अन्य शारीरिक व्यााधियों पर लोग मंत्र का उच्चारण करके रोगी को ठीक कर देते है. यहीं पर वो सिद्ध मंत्र की आवश्यकता पड़ती है. अगर मंत्र सिद्ध नहीं है तो धर्म क्रिया हो या तंत्र क्रिया वह निष्फल हो जायेगी.

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