नई दिल्ली: आज दीपावली है. दीपोत्सव का ये पर्व पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस के दिन से हो जाती है और भाई दूज के दिन इसका समापन होता है. दिवाली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है.
दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है. क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति. दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है.
हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी दिवाली मनाते हैं. जैन धर्म में दिवाली को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है. वहीं सिख समुदाय में इसे बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं.
इस दिन शुभ मुहूर्त में धन की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है. मान्यता है कि यदि दिवाली के दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाए, तो जीवन में सुख-समृद्धि और धन-दौलत का वास होता है. ज्योतिष शास्त्र में दिवाली पर पूजा के अलावा कुछ उपायों के बारे में भी बताया गया है.
जानिए दिवाली की पौराणिक कथा
हिंदू धर्म में हर त्यौहार से कई धार्मिक मान्यता और कहानियां जुड़ी हुई हैं. दिवाली को लेकर भी दो अहम पौराणिक कथाएं प्रचलित है.
कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान श्री राम चंद्र जी चौदह वर्ष का वनवास काटकर और लंकापति रावण का नाश करके अयोध्या लौटे थे. इस दिन भगवान श्री राम चंद्र जी के अयोध्या आगमन की खुशी पर लोगों ने दीप जलाकर उत्सव मनाया था. तभी से दिवाली की शुरुआत हुई.
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त-18.54 से 20.16. तक
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
सायं काल मुहूर्त्त (अमृत, चल)-17.29 से 19.18 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ) 22.29 से 24.05 तक
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