नई दिल्ली. इलेक्ट्रॉनिकि वोटिंग मशीन यानी EVM को लेकर भारतीय चुनाव आयोग ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी. आयोग ने कोर्ट को बताया कि EVM की तीनों इकाइयों (बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट) का अपना-अपना माइक्रोकंट्रोलर होता है. जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा-ये माइक्रोकंट्रोलर सुरक्षित अनधिकृत एक्सेस मॉड्यूल में रखे गए हैं, इसलिए इन्हें भौतिक रूप से भी एक्सेस नहीं किया जा सकता है. दरअसल बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने उन जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों के साथ ईवीएम में डाले गए वोटों के अनिवार्य क्रॉस-सत्यापन की मांग की गई थी.
क्या बोले चुनाव आयोग के अधिकारी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ में जस्टिस दीपांकर दत्ता भी शामिल थे. चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया-मतदान प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले माइक्रोकंट्रोलर 'एक बार प्रोग्राम करने योग्य' हैं और विनिर्माण के समय डाले गये इस प्रोग्राम को बाद के चरण में नहीं बदला जा सकता है. 2 निर्माता इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) तैयार करते हैं.
याचिका के बारे में पूछा जाता है
अधिकारी ने जानकारी दी-वोटिंग समाप्त होने के बाद सभी EVM को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चुनाव याचिका दायर करने के लिए प्रदान की गई 45 दिन की सीमा अवधि समाप्त होने तक संग्रहीत किया जाता है. 46वें दिन, मुख्य निर्वाचन अधिकारी संबंधित हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को यह पता लगाने के लिए लिखते हैं कि क्या कोई चुनाव याचिका दायर की गई है और नकारात्मक उत्तर प्राप्त होने के बाद ही जिला अधिकारियों को स्ट्रॉन्ग रूम खोलने का निर्देश दिया जाता है. अगर कोई याचिका दायर की गई पाई जाती है, तो स्ट्रॉन्ग रूम सील कर दिए जाते हैं और कोई भी EVM को छूता नहीं है. मतदान समाप्त होने के बाद ही तीनों इकाइयों को सील कर दिया जाता है.
तकनीकी सवालों के जवाब के लिए बुलाया
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह से कहा था कि वे EVM से संबंधित कुछ तकनीकी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को दोपहर दो बजे उपस्थित रहने के लिए कहें. कोर्ट ने यह जानने का प्रयास किया कि क्या माइक्रोकंट्रोलर कंट्रोलिंग यूनिट में या वीवीपीएटी (वोटर-वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) में स्थापित है और क्या इस्तेमाल किया गया माइक्रोकंट्रोलर वन-टाइम प्रोग्रामेबल है या नहीं.
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