मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. अहमद हक बोले- महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए 'शरिया' जैसे कानूनों की जरूरत

2023 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित भारत में अपराध रिपोर्ट से पता चलता है कि 2022 में पूरे भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, हर घंटे लगभग 51 एफआईआर दर्ज की गई.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 27, 2024, 09:05 PM IST
मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. अहमद हक बोले- महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए 'शरिया' जैसे कानूनों की जरूरत

नई दिल्लीः 2023 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित भारत में अपराध रिपोर्ट से पता चलता है कि 2022 में पूरे भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, हर घंटे लगभग 51 एफआईआर दर्ज की गई. 2021 में ये संख्या 4,28,278 और 2020 में 3,71,503 से अधिक थी. 9 अगस्त को पूर्वी शहर कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर का खून से सना शव मिलने से पूरे भारत में चिकित्सा हड़ताल और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिससे महिलाओं के खिलाफ हिंसा के पुराने मुद्दे पर गुस्सा फूट पड़ा.

इस घटना ने एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर दिया है और दिखाया है कि समाज में महिलाओं के प्रति किस तरह की नफरत है. उन्होंने कहा कि नाबालिगों और महिलाओं से बलात्कार और हत्या करने वालों के हाथ-पैर काट दिए जाने चाहिए.

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों को नियंत्रित करने के लिए शरिया [इस्लामिक कानून] जैसे कानून बनाने की तत्काल आवश्यकता है. Dr Ahmed Haque ने कहा कि असामाजिक तत्व आतंक की स्थिति पैदा कर रहे हैं और कानूनों को सख्त बनाने की जरूरत है.

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