नई दिल्ली: यहां एक विशेष सीबीआई अदालत (CBI Court) ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी, जिन्हें पशु तस्करी घोटाले में गिरफ्तार किया गया था.
अनुब्रत मंडल के वकील ने दी ये दलीलें
बुधवार को मंडल के वकील फारूक रज्जाक ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत याचिका दायर की. साथ ही उन्होंने तर्क दिया कि केंद्रीय एजेंसी आज तक कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई है कि मंडल सीधे तौर पर पशु तस्करी घोटाले से जुड़े थे. इसलिए, इन पहलुओं के साथ-साथ उसके मुवक्किल की स्वास्थ्य स्थितियों पर विचार करके जमानत की प्रार्थना को मंजूरी दी जा सकती है.
यह देखते हुए कि इस मामले में पहले दो पूरक आरोप पत्र में मंडल का नाम नहीं था, वकील ने यह भी कहा कि हालांकि ऐसे आरोप हैं कि सीमा शुल्क विभाग और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कई समूह पशु तस्करी घोटाले में शामिल थें, केंद्रीय एजेंसियों ने इसलिए अभी तक सिर्फ बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार को ही गिरफ्तार किया है.
सीबीआई के वकील ने बताई साजिश
प्रतिवाद में, सीबीआई के वकील कालीचरण मिश्रा ने तर्क दिया कि पूरी पशु तस्करी प्रक्रिया एक बड़ी साजिश थी, क्योंकि मंडल का मवेशी तस्करी के सरगना इनामुल हक से सीधा संबंध था.
वकील ने कहा कि अपराध एक राज्य से दूसरे राज्य में मवेशियों की आवाजाही नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार मवेशियों की अवैध तस्करी है.
सबूतों से छेड़छाड़ करने का लगा आरोप
कालीचरण मिश्रा ने यह भी तर्क दिया कि राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति मंडल ने जांच प्रक्रिया में केंद्रीय एजेंसी के साथ बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया. उन्होंने यह भी कहा कि अगर जमानत दी जाती है तो उनके सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की पूरी संभावना है.
सीबीआई के वकील ने जांच एजेंसी के अधिकारियों द्वारा बरामद दस्तावेजों का एक सेट भी जमा किया, जिसमें कुछ बैंक खाते के विवरण शामिल थे. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने मंडल को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
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