नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया एक बार फिर विवादों में है. विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा के बाद स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से जुड़े जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) के चार छात्रों को हिरासत में लिए जाने का विरोध कर रहे 70 से अधिक छात्रों को बुधवार शाम को हिरासत में लिया गया है.
हालांकि, पुलिस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. बुधवार को जेएमआई के गेट के पास विश्वविद्यालय में कक्षाएं निलंबित कर दी गईं और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) सहित पुलिस टीमों को तैनात कर दिया गया.
जेएनयू में भी स्क्रीनिंग को लेकर मचा था बवाल
डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शाम 6 बजे निर्धारित की गई थी. हालांकि, विश्वविद्यालय ने मंगलवार को कहा था कि एसएफआई द्वारा स्क्रीनिंग की घोषणा के बाद प्रशासन परिसर में किसी भी अनधिकृत सभा की अनुमति नहीं देगा. यह घटनाक्रम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में भारी ड्रामा के बाद आया, जब छात्रों ने आरोप लगाया कि विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री देखने के दौरान उन पर पत्थरों से हमला किया गया.
हालांकि, पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) मनोज सी. ने पथराव की खबरों का खंडन किया. घटना के बारे में पूछे जाने पर डीसीपी ने कहा, 'मैं दोहराता हूं, अभी तक हमारे पास ऐसी किसी घटना की सूचना नहीं है. अगर हमें जेएनयू के किसी भी वर्ग से शिकायत मिलती है, तो आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
जेएनयू में बंद कर दी गई थी इंटरनेट सेवा
इस बीच, जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के कार्यालय में इंटरनेट सेवा और बिजली कनेक्शन मंगलवार शाम को लगभग तीन घंटे के लिए बंद कर दिया गया, क्योंकि कुछ छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री दिखाना चाहते थे. जेएनयू प्रशासन ने पहले छात्रों से डॉक्यूमेंट्री- 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग रद्द करने के लिए कहा था. विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ी चेतावनी देते हुए छात्रों से कहा कि यदि कोई भी डॉक्यूमेंट्री देखता है तो विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है.
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