नई दिल्ली: बिहार में एक बार फिर राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा और जेडीयू का गठबंधन टूट सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि एक दो दिन में जेडीयू भाजपा से अलग होने का ऐलान कर सकती है. इस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी आ गई है.
कांग्रेस प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा है कि नीतीश कुमार बड़ी राजनीतिक शख्सियत हैं. जब तक वो सक्रिय राजनीति में हैं उनके नेतृत्व से कोई इंकार नहीं कर सकता है. आरसीपी सिंह के जाने से शायद नीतीश कुमार को थोड़ा नुकसान हो लेकिन नीतीश कुमार की शख्सियत राजनीतिक अहमियत रखती है. बिहार में बहुत जल्दी राजनीतिक भूचाल संभव है.
कैसे बन सकता है नई सरकार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीतीश कुमार आरजेडी, लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस के साथ मिल कर वैकल्पिक सरकार बनाने की तैयारी में जुटे हैं. कांग्रेस के सूत्र यह भी कह रहे हैं कि सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेतृत्व से संपर्क किया है. हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या नीतीश कुमार ने सीधे सोनिया गांधी से बात की है या किसी अन्य कांग्रेस नेता से.
क्यों भाजपा और जेडीयू में आ रही दूरी
जब से आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है तब से बिहार में राजनीति तेज हो गई है. 17 जुलाई को गृह मंत्री अमित शाह ने जब तिंरगे को लेकर बैठक बुलाई या फिर 25 जुलाई को हुआ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शपथ ग्रहण समारोह, नीतीश कुमार इनमें शामिल नहीं हुए. फिर नीति आयोग की बैठक में भी सीएम नहीं पहुंचे. दरअसल आरसीपी सिंह के भाजपा नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं, यह नीतीश कुमार को रास नहीं आ रहा है. सूत्रों का कहना है कि आरसीपी सिंह का इस्तेमाल कर भाजपा जेडीयू को कमजोर करना चाहती है.
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