भारत में सबसे बड़ी विदेशी निर्माता बनी बोइंग, जानें कितने के विमान पुर्जे कर रही निर्यात

बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा है कि भारत में बोइंग की सप्लाई चेन हर साल 10 हजार करोड़ रुपये के एयरोस्पेस पुर्जे निर्यात कर रही है, जिससे अमेरिकी विमान निर्माता देश में सबसे बड़ी विदेशी निर्माता बन गई है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 13, 2025, 08:38 PM IST
  • 'भारत के पास एक बेहतरीन अवसर'
  • बोइंग की भारत में एक बड़ी सप्लाई चेन
भारत में सबसे बड़ी विदेशी निर्माता बनी बोइंग, जानें कितने के विमान पुर्जे कर रही निर्यात

नई दिल्लीः बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा है कि भारत में बोइंग की सप्लाई चेन हर साल 10 हजार करोड़ रुपये के एयरोस्पेस पुर्जे निर्यात कर रही है, जिससे अमेरिकी विमान निर्माता देश में सबसे बड़ी विदेशी निर्माता बन गई है.

'भारत के पास एक बेहतरीन अवसर'

उन्होंने इस विचार को खारिज कर दिया कि भारत में हाई-टेक विमानन विनिर्माण नहीं हो रहा है. एक मीडिया आउटलेट को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'यह 10 साल पहले सच हो सकता था, लेकिन आज भारत के पास एक बेहतरीन अवसर है.'

बोइंग की भारत में एक बड़ी सप्लाई चेन

गुप्ते ने बताया कि बोइंग ने भारत में अपने ऑपरेशन्स का विस्तार किया है और बेंगलुरु में इसके 43 एकड़ के स्थल पर 5 हजार से ज्यादा इंजीनियर काम कर रहे हैं, जो ज्यादातर घरेलू कामों पर ध्यान दे रहे हैं. साथ ही कुछ विदेशी परियोजनाओं को भी सपोर्ट कर रहे हैं. बोइंग की भारत में एक बड़ी सप्लाई चेन है, जिसके सप्लायर बेंगलुरु, हैदराबाद, गुजरात और उत्तरी भारत में भी हैं.

गुप्ते ने यहां 'एयरो इंडिया 2025' शो के दौरान कहा, 'ये सप्लायर हर साल करीब 10 हजार करोड़ रुपये के एयरोस्पेस कंपोनेंट निर्यात करते हैं, जिससे हम भारत में सबसे बड़े विदेशी ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) बन गए हैं.' उन्होंने आगे बताया कि बोइंग रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत काम कर रहा है.

रक्षा विनिर्माण में स्थानीयकरण अहम कारक

गुप्ते ने बताया, 'रक्षा विनिर्माण में एक महत्वपूर्ण कारक स्थानीयकरण है. आज किसी भी रक्षा कॉन्ट्रैक्ट के लिए फाइनल असेंबली में 50 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री की आवश्यकता होती है. इसलिए हम स्थानीयकरण प्रयासों में निवेश कर रहे हैं.'

उन्होंने अमेरिकी प्रौद्योगिकी दिग्गज जीई जैसी साझेदार कंपनियों के महत्व को भी उजागर किया, जो हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक इंजन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित कर रही है. गुप्ते ने कहा, 'सिविल और डिफेंस दोनों के लिए हमारे कई प्लेटफार्मों में जीई का बड़ा स्थान है.'

आठ दशकों से भारत में है बोइंग

उन्होंने कहा, 'भारत में फाइनल असेंबली के लिए आपको टियर-1 सप्लायर और इंजन निर्माताओं की पहले से ही मौजूदगी की आवश्यकता है, जो पहले से ही हो रहा है.' गुप्ते ने कहा कि बोइंग आठ दशकों से भारत में है, लेकिन पिछले 10 वर्षों में इसने काफी ग्रो किया है.

बोइंग नागरिक उड्डयन ग्राहकों के लिए तो उपलब्ध है ही वहीं सी-17 कार्गो विमान, पी-8 समुद्री गश्ती विमान और अपाचे हेलीकॉप्टर के जरिए रक्षा क्षेत्र में भी अपना योगदान दे रहा है. उन्होंने कहा, 'राष्ट्र प्रमुख का बेड़ा, जिसमें हम प्रधानमंत्री और भारत के राष्ट्रपति को उड़ाते हैं, वह भी बोइंग का बेड़ा है.'

बोइंग को 6 और अपाचे हेलीकॉप्टर करने हैं सप्लाई

बोइंग भारत के रक्षा बलों के साथ उनकी आवश्यकताओं के बारे में लगातार चर्चा कर रहा है. सेना को छह और अपाचे एंटी-टैंक हेलीकॉप्टर दिए जाने हैं, जबकि वायु सेना को 22 अपाचे पहले ही सप्लाई किए जा चुके हैं. गुप्ते ने दावा किया कि बोइंग की रक्षा बिक्री भारत और अमेरिका के बीच इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अंतर-संचालन को भी बढ़ावा देती है.

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