नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को दावा किया वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश किये गये केंद्रीय बजट ने देश के ज्यादातर लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात किया है. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘वर्ष 2023-24 के लिए बजट और वित्त मंत्री का बजट भाषण यह प्रदर्शित करता है कि जनता, उसके जीवन, आजीविका तथा अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई से सरकार कितनी अनजान है.’
चिदंबरम ने दावा किया, ‘वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बेरोजगारी, गरीबी और असमानता जैसे शब्दों का कहीं उल्लेख नहीं किया. शुक्र है कि उन्होंने ‘गरीब’ शब्द का उल्लेख दो बार किया.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि भारत के लोग इसका संज्ञान लेंगे कि सरकार को किन लोगों की चिंता है और किन लोगों की नहीं है.’
कांग्रेस नेता ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार की ओर से अनुमानित जीडीपी (वास्तविक मूल्यों पर आधारित) 232,14,703 करोड़ रुपये बताई गई थी और 11.1 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया गया था. वहीं, वर्ष 2022-23 के लिए 258,00,000 करोड़ रुपये की जीडीपी का अनुमान लगाया गया था. उन्होंने कहा कि आज पेश किये गये बजट में सरकार ने 2022-23 के लिए संशोधित अनुमान 273,07,751 करोड़ रुपये का लगाया है.
सरकार दे स्पष्टीकरण
चिदंबरम ने कहा,‘इस तरह, वास्तविक मूल्यों पर आधारित जीडीपी दोगुनी होनी चाहिए थी, जबकि वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) द्वारा और आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि जीडीपी की वृद्धि दर सात प्रतिशत रही. सरकार को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए.’
आतिर्कक जीएसटी की दरों में कमी नहीं
उन्होंने दावा किया, ‘नई कर व्यवस्था को अपनाने वालों के अलावा अन्य के लिए कर में कोई कमी नहीं दी गई है. अप्रत्यक्ष कर में कोई कमी नहीं की गई है. आतिर्कक जीएसटी (माल एवं सेवा कर) की दरों में कोई कमी नहीं की गई है. पेट्रोल, डीजल, सीमेंट, उर्वरक की कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है.’
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