नई दिल्ली. संसद का विशेष सत्र आगामी 18 से 22 सितंबर तक आयोजित होने जा रहा है. इस बीच बुधवार को केंद्र सरकार ने विशेष सत्र का एजेंडा जारी कर दिया. सरकार ने बताया है कि इस सत्र के दौरान चार विधेयक पेश किए जाएंगे. साथ ही देश में 75 वर्षों तक संसद की यात्रा और उसके इतिहास पर भी चर्चा की जाएगी. यह चर्चा संविधान सभा से लेकर वर्तमान समय तक की कालावधि पर होगी.
इससे पहले विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने कहा था कि वह संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र में देश से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग करना चाहता है, लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि कि बैठक का विशेष एजेंडा क्या है? इसी क्रम में सरकार ने विशेष सत्र का एजेंडा जारी कर दिया है.
17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक
बता दें कि सरकार ने विशेष सत्र से एक दिन पहले यानी 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया- इस महीने 18 सितंबर से शुरू होने वाले ससंद के सत्र से पहले 17 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई गई है. इस संबंध में आमंत्रण संबंधित नेताओं को ई मेल से भेज दिये गए हैं. पत्र भी भेजे जायेंगे
नहीं होगा प्रश्नकाल-गैर सरकारी कामकाज
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि विशेष सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा. साथ ही गैर सरकारी कामकाज भी नहीं होंगे. यह व्यवस्था दोनों सदनों में लागू होगी.
सोनिया गांधी ने इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी
हाल में कांग्रेस संसदीय दल की हेड सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर आग्रह किया था कि विशेष सत्र के दौरान देश के आर्थिक हालात, जातीय जनगणना, चीन के साथ LAC पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने की मांग समेत 9 मुद्दों पर चर्चा कराई जाए.
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