नई दिल्ली: Constitution Pocket Edition Price: लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्ष ने संविधान बचाने का बड़ा मुद्दा बनाया. साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया था कि भाजपा 400 से अधिक सीटें पाती है तो संविधान से आरक्षण हटा देगी. ये मुद्दा देश के ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंचा और भाजपा को दलितों का कम वोट मिला. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सभाओं और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी संविधान का पॉकेट एडिशन दिखाकर इस मुद्दे को जनता के सामने रखा. चुनाव खत्म हो गए, लेकिन संविधान का पॉकेट एडिशन अब भी चर्चा में है.
लखनऊ की कंपनी बनाती है ये पॉकेट एडिशन
देश में संविधान की पॉकेट एडिशन को केवल एक कंपनी प्रकाशित करती है, इसका नाम ईस्टर्न बुक कंपनी (EBC) है. यह यूपी के लखनऊ की कंपनी है. इसका संविधान का पॉकेट एडिशन चुनाव के दौरान राहुल के हाथों में दिखा.
अमेजन और फ्लिप्कार्ट पर इतनी कीमत
अमेजन पर EBC द्वारा प्रकाशित संविधान के इस पॉकेट एडिशन की कीमत 895 रुपये है. फ्लिप्कार्ट पर भी इसकी कीमत 895 रुपये ही है. बता दें कि EBC संविधान के अलग-अलग एडिशन प्रकाशित करता है.
2009 में किया था लॉन्च
संविधान के पॉकेट एडिशन का लाल कवर है, जिस पर अंग्रेजी में 'The Constitution Of India' लिखा है. इस एडिशन की लंबाई लगभग 20 सेंटीमीटर है. चौड़ाई 10.8 और मोटाई 2.1 सेंटीमीटर है. पहली बार इसका फ्लेक्सी फोम लेदर-बाउंड कोट पॉकेट एडिशन साल 2009 में लॉन्च हुआ. अब तक इसके 16 एडिशन प्रकाशित हो चुके हैं. इस पॉकेट एडिशन में 624 पन्ने हैं.
राहुल और खड़गे के कारण बिक्री बढ़ी
संविधान का पॉकेट एडिशन बनाने वाली कंपनी EBC के निदेशक सुमित मलिक ने कहा, 'जिस साल (2009) हमने संविधान के पॉकेट एडिशन को लॉन्च किया, तब 700 से 800 कॉपीज बिकी. बीते कुछ सालों में औसत बिक्री 5-6 हजार कॉपीज की रही. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता राहुल गांधी ने रैलियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस एडिशन को दिखाया, तब से बिक्री में अचानक से वृद्धि हो गई है.
दुनियाभर की लाइब्रेरीज में है ये एडिशन
सुमित मलिक ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जब कभी विदेश यात्रा पर जाते हैं, वे दूसरों के गिफ्ट के तौर पर संविधान का यही एडिशन देते हैं. इस कारण से यह दुनियाभर की लाइब्रेरीज में है. संविधान के इस पॉकेट एडिशन का लुक और फील पर हमारी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी है. इसे कोई दूसरा कॉपी करके नहीं बना सकता.
प्रस्तावना में क्या लिखा?
संविधान के इस पॉकेट एडिशन की प्रस्तावना भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के.के. वेणुगोपाल ने लिखी है. उन्होंने इसमें लिखा, 'हर भारतीय के पास, चाहे वह वकील हो, जज हो या न भी हो, इस छोटी-सी किताब की एक कॉपी तो होनी चाहिए. ये भले आकार में छोटी है, लेकिन मानवीय आयामों में बहुत बड़ी है. यह पुस्तक हर भारतीय की जेब में होनी चाहिए. ताकि भारत के संविधान में निहित विचारों से प्रेरणा ले सकें.'
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