नई दिल्लीः भारत और अमेरिका ने रक्षा उत्पादन, अहम खनिजों और उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर अपनी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने के लिए शुक्रवार को व्यापक वार्ता की, जिसमें इजराइल-हमास संघर्ष के कारण पैदा हो रही स्थिति और हिंद-प्रशांत में चीन के सैन्य शक्ति प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया.
भूराजनीतिक उथल-पुथल के बीच हुई बातचीत
भारत-अमेरिका 'टू प्लस टू' विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में हमास व इजराइल के बीच बढ़ रहे संघर्ष के कारण बढ़ती भूराजनीतिक उथल-पुथल के बीच हुई. 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने किया. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया.
बातचीत के अंत में जयशंकर ने इस वार्ता को 'ठोस' बताया. उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, 'हमारे एजेंडे में हमारी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर बात की गई. इसमें हमारे रक्षा संबंधों को मजबूत करने, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ना, भविष्य में साजो-सामान संबंधी सहयोग और लोगों के आपसी संबंधों पर चर्चा की गई.'
पश्चिम एशिया और यूक्रेन संघर्ष पर भी साझा किए विचार
उन्होंने कहा, 'हिंद-प्रशांत, दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया और यूक्रेन संघर्ष पर भी दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया. बहुपक्षीय क्षेत्र में हमारे सहयोग और इसमें 'ग्लोबल साउथ' को शामिल करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई.' ग्लोबल साउथ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है.
दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षों के दृष्टिकोण को बढ़ाएगी ये बातचीत
जयशंकर ने टेलीविजन पर प्रसारित टिप्पणी में कहा कि यह बातचीत एक भविष्योन्मुखी साझेदारी और एक साझा वैश्विक एजेंडा बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का अवसर होगी. ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच मजबूत साझेदारी है और दोनों पक्ष भविष्य पर प्रभाव डालने वाले मामलों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.
साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं दोनों देशः ब्लिंकन
उन्होंने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं और विशेष रूप से नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता एवं स्वतंत्रता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं. रक्षा क्षेत्र में हमारा सहयोग इस कार्य का अहम स्तंभ हैं.'
ब्लिंकन ने कहा, 'हम जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के जरिए हमारी साझेदारी को मजबूत करने समेत कई कदम उठाकर एक मुक्त एवं खुले, समृद्ध, सुरक्षित और लचीले हिंद-प्रशांत को बढ़ावा दे रहे हैं.'
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