नई दिल्ली: INS Vikrant: भारत में ही निर्मित विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को 2 सितंबर यानी शुक्रवार को नौसेना में शामिल किया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी देश के इस पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर को देश को सौपेंगे. इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है. यह अब तक का भारत का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत है.
पीएम नरेंद्र मोदी 1 और 2 सितंबर को कर्नाटक और केरल के दौरे पर रहेंगे. एक सितंबर को पीएम कोचीन एयरपोर्ट के पास श्री आदि शंकर जन्म भूमि क्षेत्रम का दौरा करेंगे. 2 सितंबर को वह देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत को नौसेना को सौंपेंगे.
भारत बना छठां देश
भारत से पहले सिर्फ पांच देशों ने 40 हजार टन से अधिक वजन वाला एयरक्राफ्ट कैरियर बनाया है. आईएनएस विक्रांत का वजन 45 हजार टन है.
आईएनएस विक्रांत का निर्माण
इस पोत का डिजाइन नौसेना के वारशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है. वहीं निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है. पिछले साल 21 अगस्त से अब तक समुद्र में परीक्षण के कई चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. पोत को नौसेना की सेवा में शामिल किए जाने के बाद इस पर विमानों को उतारने का परीक्षण किया जाएगा.
क्यों पड़ा नाम विक्रांत
इस पोत के पूर्ववर्ती पोत विक्रांत ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी, जिसके नाम पर इस नए पोत का नाम रखा गया है.
खूबियां
-20 हजार करोड़ है इसकी कीमत
-18 राज्यों में बने हैं इसके उपकरण
-पोत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है
-इसकी अधिकतम गति 28 नॉट है
-विक्रांत में करीब 2200 कंपार्टमेंट हैं
-पोत से एक साथ 30 विमान संचालित हो सकते हैं
-चालक दल 1,600 सदस्यों के रहने के लिए पर्याप्त है
-आगे से डिजाइन ऐसा है कि विमान टेक ऑफ में दिक्कत न हो
-मिग-29के लड़ाकू विमानों और केए-31 हेलिकॉप्टरों का एक बेड़ा तैनात होगा
-2500 किलोमीटर लंबा बिजली का तार लगा है
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