नई दिल्लीः इंडियन नेवी के प्रशिक्षण के दौरान इजरायल का एल्बिट हर्मीस 900 ड्रोन क्रैश हो गया. ये क्रैश गुजरात के पोरबंदर तट के पास हुआ. इसे इंडियन नेवी कई महीनों से ऑपरेट कर रही है. रिपोर्ट्स की मानें तो सेना ने इन ड्रोन का ऑर्डर दिया हुआ है और लाइसेंस के तहत अडानी डिफेंस भारत में एल्बिट हर्मीस 900 ड्रोन को असेंबल करती है. इसे दृष्टि 10 स्टारलाइनर ड्रोन के नाम से भी जाना जाता है. ताजा क्रैश के बाद ये फिर से चर्चा में आ गए हैं. ऐसे में जानिए ये ड्रोन कितने प्रभावी हैं और इनकी क्षमता क्या है.
30 घंटे से ज्यादा समय तक उड़ान भरने में सक्षम
रिपोर्ट्स की मानें तो हर्मीस 900 ड्रोन का इस्तेमाल हवाई बमबारी और सैन्य अभियानों के लिए किया जा सकता है. ये निगरानी मिशनों के लिए भी प्रभावी माने जाते हैं. करीब 30 घंटे से ज्यादा वक्त तक हवा में रहने में सक्षम इन ड्रोन्स को इजरायल ने पहली बार गाजा में युद्ध के दौरान पेश किया था. हर्मीस 900 कोचाव या स्टार के नाम से मशहूर ये ड्रोन इजरायल के सबसे ताकतवर चार किलर ड्रोन में से एक है.
2014 में गाजा में हमास के ठिकानों को बनाया था निशाना
इजरायल ने 2014 में पहली बार इन ड्रोन का इस्तेमाल किया था. इन ड्रोन ने गाजा में हमास के कई ठिकानों को निशाना बनाया था. कहा जाता है कि 2015 में इजरायली सेना ने इसे आधिकारिक रूप से अपनाया था. वहीं 2024 में इजरायल के हमास के साथ युद्ध शुरू होने के बाद भी इनका इस्तेमाल किया गया. लेबनान ने दो बार हर्मीस 900 ड्रोन मार गिराने का दावा भी किया था.
300 किलो तक का वजन ले जाने में सक्षम
हर्मीस 900 ड्रोन के पंखों का फैलाव 15 मीटर है जब कि ये 970 किलो वजनी हैं. इनकी पेलोड क्षमता 300 किलो तक की है और पेलोड में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड सेंसर, हाइपरस्पेक्ट्रल सेंसर आदि शामिल हैं.
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