बेंगलुरु. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के सीनियर मंत्री ने अपनी ही पार्टी के नेतृत्व पर आरोप लगाए हैं. राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को बोर्डों और निगमों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्तियों पर उनके सुझावों पर विचार नहीं करने के लिए पार्टी आलाकमान के खिलाफ निराशा व्यक्त की. उन्होंने कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल पर भी निशाना साधा.
'हमारी राय नहीं मांगी गई'
परमेश्वर ने कहा-निगमों और बोर्डों में अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्तियों के संबंध में किसी ने हमारी राय नहीं मांगी. मुझसे कुछ नाम उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था और मैंने इसे पार्टी आलाकमान को दे दिया. लेकिन, जब सूची को अंतिम रूप दिया गया तो कोई बैठक नहीं बुलाई गई या राय नहीं मांगी गई. हम जिला स्तर के नेताओं और उनके योगदान के बारे में बेहतर विचार रखते हैं. चयन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को करना है। उन्हें जिला स्तर के नेताओं से विचार-विमर्श कर सूची तैयार करनी चाहिए. लेकिन सूची महासचिव द्वारा तैयार की जा रही है.
बोले-मैं आठ साल तक राज्य कांग्रेस का अध्यक्ष रहा
परमेश्नर ने कहा है कि वो लंबे समय तक राज्य कांग्रेस के चीफ रह चुके हैं इसलिए पार्टी के नेताओं के योगदान को बेहतर तरीके से समझते हैं. उन्होंने कहा-लिस्ट में बेवजह देरी हो रही है. मैं आठ साल तक प्रदेश अध्यक्ष भी रहा. मैं नेताओं और पार्टी में उनके योगदान को जानता हूं ऐसे नेता हैं, जिन्होंने दशकों तक काम किया है और उन्हें ताकत दी जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर सही लोगों को पद नहीं दिया जाएगा तो विश्वासपात्र पार्टी सदस्यों को ठेस पहुंचेगी. इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि बोर्ड और निगमों में नियुक्तियों के लिए नामों को मंजूरी दे दी गई है. सूची पर महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हस्ताक्षर किए हैं. राज्य गृह मंत्री की टिप्पणी पर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि सबकी राय लेना मुश्किल है.
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